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आरक्षण की मांग लेकर गुर्जर समुदाय ने किया आंदोलन, प्रदर्शन के कारण दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बधित,कई ट्रेनों के रूट किए गए डायवर्ट

नई दिल्ली: गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर अपना आंदोलन शुरू किया. आंदोलनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों की आवाजाही रोक दी. गुर्जर समुदाय प्रदेश में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इससे पहले दिन में गुर्जर संघर्ष समिति (जीएसएस) के सदस्यों ने एक महापंचायत बुलाई. इसके बाद जीएसएस के सदस्य सवाई माधोपुर के पास मलारना डुंगर रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया.  इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक अवध एक्सप्रेस और कई मालगाड़ियों को सवाई माधोपुर में रोक दी गई थी. जीएसएस नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, “हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है.

सरकार की ओर से हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. कोई हमसे बातचीत करने भी नहीं आया है, इसलिए हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है. वहीं दूसरी तरफ  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेग.  गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू किए जाने के बीच गहलोत ने कहा, ‘‘सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है. राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है.

कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है.’ लोकसभा चुनावों से पहले गुर्जर आरक्षण के मुद्दे के फिर चर्चा में आने के बीच, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी. पायलट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार ही इस काम को कर सकती है.

मैं तो केंद्र सरकार से भी आग्रह करूंगा कि जिस प्रस्ताव को विधानसभा पारित कर चुकी है. कई बार हमारी सरकारों ने इसे स्वीकृति दी, पिछली सरकार ने भी दी… तो केंद्र सरकार को इसका भी गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए.” पायलट ने कहा, ‘‘पांच प्रतिशत के इस (गुर्जर) आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं (केन्द्र को) उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए।” उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने मंगलवार को कहा था कि सरकार ने यदि गुर्जर और चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया तो आठ फरवरी से राज्य में गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू किया जायेगा.

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