अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को आरोप लगाया कि अभिनेता दीप सिद्धू जैसे ”असामाजिक” तत्वों ने उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को साजिश के तहत ”नष्ट” करने की कोशिश की। लेकिन सरकार और नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों को यह संघर्ष रोकने नहीं दिया जाएगा। नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में 41 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे मोर्चा ने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आज एक आपात बैठक बुलाई है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार को आयोजित किसानों की ”ट्रैक्टर परेड” के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए मोर्चा ने दीप सिद्धू और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने किसानों के आंदोलन को नष्ट करने की कोशिश की। मोर्चा ने एक बयान में कहा, ”केंद्र सरकार इस किसान आंदोलन से पूरी तरह से हिल गई है। इसलिए किसान संगठनों के शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और अन्य के साथ मिल कर एक गंदी साजिश रची गई तथा ऐसा करने वाले लोग संयुक्त रूप से संघर्ष कर रहे संगठनों का हिस्सा नहीं है।”
केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली की कई सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से हो रहे प्रदर्शनों का संयुक्त किसान मोर्चा नेतृत्व कर रहा है। बयान में कहा गया है, ”जब किसान संगठनों ने 26 जनवरी को किसान परेड कार्यक्रम करने की घोषणा की, तब दीप सिद्धू और अन्य जैसे असामाजिक तत्वों ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के साथ किसान आंदोलन को नष्ट करने की कोशिश की।”
मोर्चा ने कहा, ”इस साजिश के तहत, उक्त किसान संगठन और अन्य लोगों ने घोषणा की कि वे रिंग रोड पर मार्च करेंगे और लाल किला में झंडा फहराएंगे। साजिश के तहत, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने आंदोलनरत किसान संगठनों के मार्च शुरू करने के निर्धारित कार्यक्रम से दो घंटे पहले रिंग रोड पर मार्च करना शुरू कर दिया। यह किसानों के शांतिपूर्ण और मजबूत संघर्ष को नष्ट करने की एक गहरी साजिश थी।”
बयान में कहा गया है, ”हम सरकार और नुकसान पहुंचाने वाली अन्य ताकतों को इस शांतिपूर्ण संघर्ष को रोकने नहीं देंगे। मंगलवार की घटनाओं ने किसान विरोधी ताकतों को अलग-थलग और बेनकाब कर दिया है। भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए आज 32 किसान संगठनों की एक आपात बैठक बुलाई गई है।”
गौरतलब है कि ट्रैक्टर परेड जिसका मकसद किसानों की मांगों को रेखांकित करना था, वह मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई। हजारों की संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी अवरोधकों को तोड़ते हुए लाल किला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।