अशाेक यादव, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सोनभद्र के सभी आदिवासी बच्चों के उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपते हुए निर्देश दिया कि पूरे जिले में जो भी वनवासी-आदिवासी समाज के बच्चे हैं उनका पता लगाकर उनके शिक्षा की व्यवस्था करें। उन्होंने घोषणा की कि ऐसे बच्चों के रहने, खाने एवं शिक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क की जाएगी।
सोनभद्र जिले के कारीडाड़ स्थित सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम में रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्कूल और छात्रावास का रविवार को लोकार्पण करने के बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री से आदिवासी-वनवासी समाज के विकास की अपेक्षा की।
समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है कि पूरे जिले में जो भी वनवासी, आदिवासी समाज के बच्चे हैं उनका पता लगाकर जिले में अथवा दूसरे जिलों में उनके शिक्षा की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के रहने, खाने एवं शिक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क की जाएगी।
योगी ने कहा कि भारत गांव-गिरांव, आदिवासी एवं वनवासियों, पिछड़ों तथा अनुसूचित तबके के लोगों का देश हैl उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वनवासी-आदिवासी सोनभद्र में निवास करते हैं और राज्य सरकार यहां एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिला जनवरी से लेकर मध्य जुलाई तक पेयजल संकट से जूझता है लेकिन अब जल जीवन मिशन के तहत सरकार द्वारा मिर्जापुर और सोनभद्र में हर घर जल की व्यवस्था की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक ज़्यादातर गाँवों में शुद्ध पेयजल हर घर को मिलने लगेगा। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलायें मेहनती होती हैं तथा परिवार चलाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता हैl सभी को शिक्षा प्राप्त करने का सामान अधिकार है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठे बिना राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकताl बच्चों को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ना सेवा कुंज आश्रम का मिशन है। उन्होंने कहा कि आश्रम द्वारा आदिवासी नृत्य कर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने एवं अन्य परम्पराओं को बचाने में बड़ा योगदान दिया जा रहा है।