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आगामी 31 मार्च, 2019 तक पक्का आवास उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता पर सुनिश्चित करायी जायें: मुख्य सचिव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले 11.71 लाख आवास विहीन,कच्चे आवासों में निवास करने वाले परिवारों को आगामी 31 मार्च, 2019 तक पक्का आवास उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता पर सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि विगत 02 नवम्बर, 2018 तक 10.87 लाख आवास ऐसे पात्र परिवारों को स्वीकृत कराये जा चुके हैं, लक्ष्य के अनुसार अवशेष पात्र परिवारों को भी आवास उपलब्ध कराने हेतु कार्यों में और अधिक तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि विगत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 7.71 लाख आवास पूर्ण कर आवास निर्माण में सम्पूर्ण भारत में उत्तर प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त करने की जो एक मिसाल कायम की है, उसको प्रत्येक दशा में बरकरार रखने हेतु विभागीय अधिकारी कोई कोर-कसर न उठा रखें।

उन्होंने कहा कि एक वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में आवासों का निर्माण पूर्व में कभी नहीं हुआ। भारत सरकार ने भी इस अभूतपूर्व प्रगति की सराहना की गयी है तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में उत्कृष्ट कार्य के लिये उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत भी किया गया है। मुख्य सचिव आज लोकभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने नदियों का पुनरुद्धार योजनान्तर्गत जनपद बरेली में अरिल नदी, चित्रकूट में मंदाकिनी नदी, मिर्जापुर कर्णवती नदी, भदोही में वरुणा तथा मोरवा नदी एवं पीलीभीत में गोमती नदी पर पुनरुद्धार की कार्यवाही में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिये हैं।

उन्होंने कहा कि उक्त नदियों के पुनरुद्धार के अंतर्गत कुल 374.53 कि0मी0 के सापेक्ष 86.86 कि0मी0 पर कार्य पूर्ण करते हुये 1431.28 लाख रुपये धनराशि व्यय अभी तक की जा चुकी है, अवशेष कार्य को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराकर अवशेष धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित कराया जाये। प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि स्वीकृत आवासों में से 10.77 लाख आवासों के लिये प्रथम किश्त, 10.25 लाख आवासों के लिये द्वितीय किश्त, 8.65 लाख आवासों के लिये तृतीय किश्त अवमुक्त कर 8.55 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 से अब तक 5259.48 कि0मी0 सड़क बनायी गई। योजना में प्रथम बार नई तकनीकों (वेस्ट प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, नैनों टेक्नोलाॅजी, फ्लाई ऐश, सी0सी0 ब्लाक) का प्रयोग कर 1741.60 कि0मी0 सड़कों का निर्माण प्रस्तावित किया गया तथा नई तकनीकों का प्रयोग कर अद्यतन 1407.94 कि0मी0 सड़क का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है एवं अन्य कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक योजना के कार्यों पर 2726.78 करोड़ रुपये व्यय किये गये। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 05 वर्षीय अनुरक्षणाधीन सड़कों को गड्ढामुक्त रखने हेतु प्रथम बार अभियान चलाकर अद्यतन 13848.12 कि0मी0 सड़कों की गड्ढामुक्ति सुनिश्चित की गयी। बैठक में अवगत कराया गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये रोजगार सृजन हेतु वार्षिक भौतिक लक्ष्य 2000.00 लाख मानव दिवस निर्धारित किया गया था।

दिनांक 02 नवम्बर, 2018 तक 3161.51 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय करके दिनांक 02 नवम्बर, 2018 तक के लक्ष्य 1112.80 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 1190.97 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया हे, जो कि लक्ष्य का 107 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 38.12 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में दिनांक 02 नवम्बर, 2018 तक 87 प्रतिशत मजूदरी का भुगतान ससमय किया गया है। ए0बी0पी0एस0 से जुड़े श्रमिकों की संख्या को 22 लाख से बढ़ाकर तीन गुना 67.96 लाख किया गया।

कुल 103.25 लाख क्रियाशील श्रमिकों के सापेक्ष 96.93 लाख (94 प्रतिशत) श्रमिकों को आधार से जोड़ा गया है। कुल कार्य 51.19 लाख के सापेक्ष कुल 45.43 लाख (89 प्रतिशत) कार्य की जियो टैगिंग कराया गया है। मनरेगा योजनान्तर्गत प्रदेश में कुल 20827 तालाबों का चयन किया गया है। 14769 तालाबों का कार्य पूर्ण हो चुका है। योजनान्तर्गत 10425 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें से लगभग 9110 पूर्ण कराये गये। प्रदेश के 05 जनपदों के 34 वनटांगियों ग्रामों में 6605 परिवारों में 6106 जाॅब कार्ड निर्गत किये गये है। 40801 मानव दिवस लक्ष्य के सापेक्ष 28465 मानव दिवस सृजित किये गये हैं। 34 वनटांगिया ग्रामों में 12 तालाबों के जीर्णोंद्धार के लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत संतृप्तिकरण कर लिया गया है। 19 जनपदों में 48710 मुसहर परिवार चिन्हित कर 37268 मुसहर परिवारों को जाॅब कार्ड निर्गत किये गये हैं। 395476 मानव दिवस का सृजन किया गया है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यों को तेज करते हुये वित्तीय वर्ष 2017-18 में 49372 नये स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, 37223 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड दिया गया तथा 18152 स्वयं सहायता समूहों को निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक कुल 30113 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, 22962 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड दिया गया एवं 15696 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है। वर्तमान सरकार ने अब तक कुल 79485 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, 60185 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड दिया गया एवं 33848 स्वयं सहायता समूहों को निवेश निधि उपलब्ध करायी जा चुकी है। योजान्तर्गत कई विभागों के साथ कन्वर्जेन्स के माध्यम से नवाचार (इनोवेशन्स) किया गया जैसे-जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राजकीय अस्पतालों में टिफिन (तैयार भोजन) की आपूर्ति, सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं के ड्रेस की सिलाई, वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक कुल 483238 ड्रेस की सिलाई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा की जा चुकी है।

फार्म मशीनरी बैंक अन्तर्गत 27 ग्राम संगठनों को लाभ उपलब्ध कराया जा चुका है। पशुपालन विभाग के माध्यम से मुर्गी पालन, हस्तशिल्प विभाग के माध्यम से जरी-जरदोजी एवं वुड क्राफ्ट, आई0आई0टी0 मुम्बई एवं ई0ई0एस0एल0-भारत सरकार के साथ सोलर स्टडी लैम्प परियोजना का कार्य किया जा रहा है एवं अब तक कुल 4,64,134 स्कूली बच्चों को सोलर स्टडी लैम्प उपलब्ध कराये जा चुके हैं। उपरोक्त कार्य आगामी वर्ष में भी जारी रहेंगे। विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय, विकास खण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय, कारागर इत्यादि में 208 प्रेरणा कैण्टीन प्रारम्भ की गयी। आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना अन्तर्गत सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अभी तक 86 वाहन क्रय किये गये हैं। उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत एस0वी0ई0पी0 का कार्य किया जा रहा है। अब तक कुल 1365 लघु उद्यमियों को विकसित किया जा चुका है। मिशन द्वारा गरीब महिला के परिवार स्तर पर पोषण सुरक्षा हेतु प्रेरणा पोषण वाटिका को विकसित किया जा रहा है।

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