नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन का कहना है कि विपक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अगला लोकसभा चुनाव राष्ट्रपति चुनाव की तरह नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को संयुक्त नेतृत्व के रूप में उभरकर आना चाहिए, क्योंकि संयुक्त व सामूहिक नेतृत्व ही प्रत्येक राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सभी पार्टियों को एकजुट कर उसे चुनौती दे सकता है.
डेरेक ने अध्यक्ष ममता बनर्जी का संदर्भ देते हुए कहा कि बंगाल विपक्षी पार्टियों के ‘सामूहिक नेतृत्व’ बनने का सपना साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता ने कहा, “2019 में विपक्ष को एक रणनीति तैयार करनी होगी, जो सभी 29 राज्यों में उनकी क्षमता को मजबूत करेगी. मैं यह बात राजनीति के छात्र के रूप में कह रहा हूं. उदाहरण के लिए बंगाल में चुनाव लड़ने की बात होगी तो जाहिर है कि वह ममता दीदी पर आधारित होगा, क्योंकि वह बंगाल की राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं.”
डेरेक के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी दल को एक साथ लाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं. डेरेक ने कहा, “उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस है. इन तीनों को एकसाथ लाने के लिए सबसे विश्वसनीय शख्स कौन होगा? चूंकि कांग्रेस, सपा और बसपा दोनों ही प्रदेश की राजनीति के अलग-अलग खिलाड़ी हैं, ऐसे में इन्हें एकजुट करने का काम ममता दीदी बहुत ही अच्छे से कर सकती हैं. ये सभी ममता दीदी की बात सुनेंगे.”