लखनऊ : उ प्र सरकार द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे हेतु टोल दरें निर्धारित कर दी गयी हैं। ये दरें 19 जनवरी, 2018 की मध्य रात्रि से लागू होंगी। सरकार ने पत्रकारों को टोल से छूट पाने वालों की सूची से बहार रखा है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि शासन के औद्योगिक विकास अनुभाग-3 की अधिसूचना संख्या-02/2018/235/ 77-3-2018-37एम/12 दिनांक 15 जनवरी, 2018 के अनुसार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे हेतु वर्ष 2017-18 के लिए विभिन्न प्रकार के वाहनों की दरें इस प्रकार निर्धारित की गयी हैं:
क्रम संख्या वाहन का प्रकार निर्धारित टोल दर 25 % छूट के बाद टोल दर
1 . कार, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहन 760 रुपया 570 रुपया
2. हल्के व्यवसायिक यान, हल्के माल यान या मिनी बस 1205 रुपया 905 रुपया
3. बस या ट्रक 2420 रुपया 1815 रुपया
4. भारी निर्माण कार्य मशीन (एच0सी0एम0) भू-गतिमान उपस्कर (ई0एम0ई0) या बहुधुरीय यान (एम0ए0वी0) (3 से 6 धुरीय) 3715 रुपया 2785 रुपया5. विशाल आकार यान (ओवर साइज़्ड वेहिकिल) (7 या अधिक धुरीय)4770 रुपया 3575 रुपया
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह टोल दरें आगरा से लखनऊ तक की यात्रा के लिए हैं तथा बीच के टोल बूथों पर समानुपातिक रूप से टोल दरें निर्धारित की गयी हैं। दुपहिया वाहनों को एक्सप्रेस वे पर चलने की अनुमति नहीं है और यदि कोई दुपहिया वाहन एक्सप्रेस वे पर चलाएगा तो उसे 285 रु देनें होंगे।
प्रवक्ता के अनुसार लखनऊ-कानपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल दूरी 364 कि0मी0 है तथा उस पर कार हेतु टोल दर 390 रुपये है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तुलना में कुल 62 कि0मी0 की दूरी अधिक है, जिसके कारण ईंधन के रूप में लगभग 300 रुपये अधिक व्यय करने पड़ते हैं। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग से आगरा से लखनऊ यात्रा करने पर लगभग 690 रुपये का व्यय आता है। जबकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की दूरी 302 कि0मी0 है तथा 25 प्रतिशत छूट के बाद कार पर टोल दर 570 रुपये निर्धारित की गयी है। साथ ही, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर यात्रा में लगभग 2 घण्टे के समय की बचत भी होगी।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ऐसे यांत्रिक यान से फीस उद्ग्रहीत और संग्रहीत नहीं की जायेगी-
(क) जो निम्नलिखित को ले जा रहे हैं और उसके साथ चल रहे हंैः-
(एक) भारत के राष्ट्रपति
(दो) भारत के उपराष्ट्रपति
(तीन) भारत के प्रधानमंत्री
(चार) भारत के मुख्य न्यायमूर्ति
(पांच) राज्यपाल
(छः) उपराज्यपाल
(सात) मुख्यमंत्री
(आठ) केन्द्रीय और राज्य विधानमण्डल के अधिकारिता रखने वाले पीठासीन अधिकारी
(नौ) लोक सभा, राज्य सभा और राज्य विधान मण्डलों के अधिकारिता से युक्त विरोधीदल के नेता,
(दस) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
(ग्यारह) राज्य के विधान परिषद के सभापति
(बारह) राज्य के विधान सभा के अध्यक्ष
(तेरह) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीष
(चैदह) उच्च न्यायालय के न्यायाधीष
(पंद्रह) भारत सरकार के मंत्री
(सोलह) उ0प्र0 सरकार के मंत्री
(सत्रह) उ0प्र0 सरकार के सचिव और आयुक्त
(अठ्ठारह) राज्य के दौरे पर आये उच्च पदस्थ विदेषी व्यक्ति
(उन्नीस) सी.डी. प्रतीक के साथ कार का प्रयोग करने वाले भारत में संस्थापित विदेषी मिषनों के प्रधान
(बीस) समस्त सरकारी वाहन।
(ख) सरकारी कार्य हेतु प्रयुक्त यान:-
(एक) रक्षा मंत्रालय, जिसमें वो भी सम्मिलित जो भारतीय पथकर (सेना और वायु सेना) अधिनियम 1901 और तद्धीन बनाये गये नियमों, जो नौसेना को भी विस्तारित किये गये हैं, के उपबन्धों के अनुसार छूट के पात्र होंय
(दो) अर्धसैनिक बलों और पुलिस वर्दी में केन्द्रीय और राज्य सषस्त्र बलय
(तीन) ड्यूटी पर कार्यपालक मजिस्ट्रेटय
(चार) ऐसे व्यक्ति, जिसके लिए कार्यस्थल के संबंध में अपने सांविधिक दायित्वों के निर्वहन के लिए एक्सप्रेसवे का प्रयोग अपेक्षित है
(पांच) अग्निषमन विभाग या संगठनय
(छः) सम्बन्धित एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अधिकारी और
(ग) एम्बुलेंस के रूप में प्रयुक्त यान।
भारत के अन्य राज्य स्टेट हाईवे पर मान्यताप्राप्त पत्रकारों को टोल से छूट देते हैं पर उ प्र स्टेट हाईवे में ऐसा कोई प्रावधान पत्रकारों के लिए नहीं किया गया है।
जबकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा निर्मित करवाया गया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को टोल से छूट प्रदान की गयी है।
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