नई दिल्ली। उत्पाद एवं सेवा कर विभाग प्रजनन प्रौद्योगिकी से जुड़ी एआरटी या आईवीएफ को कर राहत देने के साथ ही अतिथि एंकर को किए जाने वाले मानद भुगतान पर जीएसटी लगाने जैसे कई जटिल मुद्दों पर जल्द ही स्पष्टीकरण जारी कर सकता है। केंद्र एवं राज्यों के कर अधिकारियों से बनी फिटमेंट समिति ने सर्वोच्च निकाय जीएसटी परिषद को सूचित किया है कि एक क्लिनिक, अधिकृत चिकित्सकीय पेशेवर या अर्ध-चिकित्सकीय पेशेवर की तरफ से दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी प्रणाली के तहत छूट मिलती है और एआरटी एवं आईवीएफ को जीएसटी राहत देने के बारे में जल्द ही एक स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है।
जीएसटी कानून स्वास्थ्य सेवाओं को भारत में किसी भी मान्यता-प्राप्त इलाज पद्धति में बीमारी, चोट, असामान्यता या गर्भावस्था के निदान या उपचार या देखभाल के माध्यम से दी जाने वाली किसी भी सेवा के रूप में परिभाषित करता है। इसमें रोगी को क्लिनिक तक ले जाने की सेवाएं भी शामिल हैं लेकिन इसमें हेयर ट्रांसप्लांट या कॉस्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी शामिल नहीं है। निःसंतान दंपतियों के लिए आईवीएफ जैसी एआरटी प्रक्रिया का सहारा लिया जाता है।
फिटमेंट समिति ने कहा है कि इस तरह की सेवाओं को उपरोक्त रियायत अधिसूचना के मकसद से स्वास्थ्य सेवाओं की परिभाषा में शामिल किया गया है। एक परिपत्र जारी कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जा सकती है। समिति की इन अनुशंसाओं को 28-29 जून को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। अतिथि एंकरों को मानदेय के भुगतान पर जीएसटी लागू होने पर स्पष्टीकरण भी इस बैठक में रखा जाएगा।
कुछ अतिथि एंकरों ने भुगतान किए गए मानदेय पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करने का अनुरोध किया है। मानदेय के एवज में अतिथि एंकरों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी लग सकता है। परिषद की प्रत्येक बैठक में हितधारकों की मांगों का विश्लेषण करने के बाद फिटमेंट समिति कर दरों के संबंध में अपनी सिफारिश देती है। इस समिति ने 113 वस्तुओं एवं 102 सेवाओं पर जीएसटी दरों में यथास्थिति की सिफारिश करते हुए कहा है कि ‘ऑस्टोमी’ (शरीर से अवशिष्ट को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी) उपकरणों पर करों को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए।