लखनऊ। दूसरे लोकसेवकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मीडिया के माध्यम से अक्सर चर्चा में रहने वाले यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर अपने खुद के भ्रष्टाचार के मामले को छुपाने के लिए आरटीआई में भी झूंठी सूचना देने का आरोप लग रहा है. लखनऊ की जानीमानी समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने अमिताभ पर यह आरोप अमिताभ ठाकुर के कार्यालय के जन सूचना अधिकारी मोहन चन्द्र कांडपाल और प्रथम अपीलीय अधिकारी और संयुक्त निदेशक अमिताभ ठाकुर के पत्रों के आधार पर लगाया है ।
मामले में सक्षम स्तरों पर शिकायत करने की बात कही है, बताते चलें कि एक्टिविस्ट उर्वशी ने बीती 17 जुलाई को अमिताभ के कार्यालय नागरिक सुरक्षा निदेशालय में एक आरटीआई अर्जी डालकर निदेशालय में वर्तमान में कार्यरत उन अधिकारियों के नामों और पदनामों की सूचना माँगी थी जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमें दर्ज हुए हैं. उर्वशी ने निदेशालय में वर्तमान में कार्यरत उन अधिकारियों के नाम और पदनाम की सूचना भी माँगी थी जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मुकदमें न्यायालयों के समक्ष वर्तमान में लंबित हैं। उर्वशी ने यह भी जानना चाहा था । नागरिक सुरक्षा निदेशालय में वर्तमान में कार्यरत जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमें दर्ज किये गए हैं अथवा जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मुकदमें माननीय न्यायालयों के समक्ष वर्तमान में लंबित हैं उनको नागरिक सुरक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार करने से रोकने के लिए सिविल डिफेन्स निदेशालय द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। पीआईओ कांडपाल ने बीती 14 अगस्त को पत्र भेजकर उर्वशी को बताया कि इस सम्बन्ध में निदेशालय से सम्बंधित सूचना शून्य है. उर्वशी ने आरटीआई अर्जी के तीनों बिन्दुओं पर जन सूचना अधिकारी द्वारा निदेशालय से सम्बंधित सूचना को शून्य कहने की बात को इस आधार पर झूंठ बताया कि उनको पता है कि नागरिक सुरक्षा निदेशालय में कार्यरत संयुक्त निदेशक आईजी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ है ।
जो अभी अदालत में विचाराधीन है और अपीलीय अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अपील भेजकर सत्य सूचना देने की माग की. अमिताभ ठाकुर ने बीती 03 अक्टूबर को उर्वशी को पत्र भेजा है और जन सूचना अधिकारी की बात को ही सही बता दिया है। उर्वशी का कहना है कि वैसे आईपीएस अमिताभ ठाकुर सार्वजनिक मंचों पर सत्यपरता की बात करते हैं और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे दिखावों की खबरें भी खूब छपवाते हैं लेकिन इस मामले में जब बात खुद के भ्रष्टाचार के मामले की आई तो खुद लिखित में झूंठ बोल गए है. उर्वशी ने लोकसेवक अमिताभ पर दूसरों के और अपने स्वयं के मामलों में एक जैसा कार्यव्यवहार नहीं करने और दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया है।