लखनऊ। आईएएस अफसर उमेश सिंह के खिलाफ अपनी चचेरी बहन की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले राजीव कुमार सिंह ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही उमेश प्रताप सिंह को निलंबित करने के साथ नौकरी से भी बर्खास्त किया जाए। उधर निदेशक सूडा उमेश कुमार सिंह और उनकी बेटी ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाने वाले राजीव कुमार सिंह बीते 20-22 वर्ष से तो हमारे संपर्क में भी नहीं थे। अब एकदम से हमारे घर की चिंता करने लगे हैं। उमेश कुमार सिंह के चचेरे साले राजीव कुमार सिंह ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आईएएस अफसर उमेश कुमार सिंह के फौरन निलंबन की भी मांग की है। उन्होंने आईएएस पर अपनी बहन के साथ मारपीट और कई महिलाओं से संबंध होने के आरोप लगाये हैं। राजीव ने बताया कि वह अनीता के चचेरे भाई हैं। उन्होंने आईएएस अधिकारी उमेश प्रताप सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उमेश ने मेरी बहन की हत्या की है।
उसको गोली लगने के दो घंटे बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। राजीव सिंह ने कहा कि मुझे कल एफआईआर दर्ज करवाने के लिए डेढ़ घंटे तक चिनहट पुलिस थाने में बैठना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि एसएचओ चिनहट भी उसी गांव के हैं, जहां के आईएएस उमेश प्रताप सिंह हैं। अब आप पूरी स्थिति समझ सकते हैं। राजीव सिंह ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद उमेश प्रताप सिंह ने फोन पर धमकी भरे लहजे में केस वापस लेने की बात कही लेकिन मैंने मना कर दिया।उन्होंने कहा कि जिन हालात में मेरी बहन मृत पाई गई, उस पर संदेह है। कई दिनों के प्रयास के बाद भी उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखने नहीं दी जा रही है। यह ऐसा मामला है, जिसकी जांच सीबीआई से कराए जाने की आवश्यकता है। दरवाजे की सिटकनी देखने से लगता है कि साजिश हुई है। सोफे पर गोली मारी गई तो सिर के पीछे कैसे चोट लगी है। क्यों हुई हत्या इसका पता लगना जरूरी है। उमेश का चारित्रिक दोष है। नौकर ने मुझे बताया कि अक्सर दोनों में झगड़ा होता था। पत्नी तो बोलती थी कि तुम गंदे हो। चरित्रहीन हो। मेरी बहन की हत्या हुई है या फिर आत्महत्या के लिए उकसाया गया है। स्पष्ट होना चाहिए। सरकार उमेश को निलंबित करें, बर्खास्त करें। उमेश को जेल भेजा जाए, जिससे मुकदमा प्रभावित न हो। जबरन उमेश के हाथ का केमिकल टेस्ट लिया गया। उमेश सैम्पल देने से मना करता रहा था।राजीव बोले, उमेश के दो बच्चे हैं। परसों मैं उनके घर गया था। बेटा नहीं आया। बेटी आई, लेकिन कुछ भी नहीं बोली। घर में दहशत का माहौल है। बच्चों को प्रताडित किया जा रहा है। जितनी जल्दी कार्रवाई हो उतनी जल्दी न्याय की उम्मीद है। दो माह पूर्व एक कार्यक्रम में अनिता आई थीं, लेकिन काफी गुमसुम लग रही थीं। राजीव ने कहा कि महिला आयोग को तहरीर देने जा रहा हूँ। इसके साथ ही मुझे मीडिया से न्याय की उम्मीद है। डॉ नीलेश तिवारी से ट्रीटमेंट चल रहा था दिल्ली में, लेकिन वो दवा नहीं खा रही थी ऐसा बताया गया। एफएसएल की रिपोर्ट से भी राज उजागर होगा। उमेश ने जांच प्रभावित कर दी है। उमेश की अकसर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात होती है। पत्नी के इलाज का बहाना कर ट्रांसफर रुकवाया था।
उमेश पर भ्रष्टाचार का आरोप है। सूडा में 75 प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। इन सभी से उमेश डेढ़ लाख रुपए प्रति प्रोजेक्ट लेते थे। सीएम से सीबीआइ जांच की मांग करता हूँ। निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि आरोप लगाने वाले राजीव कुमार सिंह को मैंने पिछले 22 वर्षों से अपने घर या किसी सुख दुःख में नहीं देखा। मेरे परिवार से इनका कोई संबंध नहीं है। मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैं अपनी पत्नी की तेरहवीं संस्कार की तैयारी कर रहा हूँ। ऐसे समय में इस तरह के आरोप लगाकर मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है। उमेश सिंह की बेटी उपासना ने कहा कि मैं तो किसी राजीव कुमार सिंह को जानती ही नहीं हूं। उनका तो हमारे परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। इस समय हमारा परिवार बेहद दुखी है, ऐसे में कुछ लोग अपनी हरकत से हमको और दुखी कर रहे हैं। ऐसे ही लोग में शायद राजीव कुमार सिंह हैं।