लखनऊ/नई दिल्ली: आईआरसीटीसी घोटाले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 14 आरोपियों को 31 अगस्त के लिए समन जारी किया है। अदालत ने समन जांच एजेंसी सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए जारी किया जिस में सीबीआई ने लालू यादव राबड़ी देवी तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। लालू यादव समेत सभी आरोपियों को अदालत ने आरोपी के तौर पर समन जारी किया है।
रेलवे की कंपनी आईआरसीटीसी के अधिकारी रहे बीके अग्रवाल का नाम सीबीआई की चार्जशीट में आया था लेकिन उनके खिलाफ रेलवे से अनुमति नहीं मिलने के कारण अदालत में आगे की कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अनुमति नहीं देने से एक अधिकारी की वजह से ना तो अदालत मामले में संज्ञान ले रही है और ना ही एक आरोपी की वजह से लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट होने के बावजूद केस चल रहा है।
रेलवे ने अनुमति दे दी होती तो आरोपियों को कोर्ट आना पड़ता और आरोप तय होते। सीबीआई को अगर रेलवे से अनुमति मिल गयी होती तो आरोपियों की गिरफ्तारी तक हो सकती थी। जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है वो गैर जमानती धाराएं हैं, ज़ाहिर है इससे लालू, राबड़ी और तेजस्वी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती।
लालू यादव पर रेल मंत्री रहते टेंडर निकालने से लेकर सुजाता ग्रुप को रेलवे का होटल दिलाने में गड़बड़ी का आरोप है। इसके साथ ही होटल से जुड़े विज्ञापन और टेंडर की प्रक्रिया में बदलाव कराने का आरोप है। आरोप के मुताबिक लालू ने फोन पर दूसरे टेंडर भरने वालों को धमकी दी। सुजाता होटल ने बेली रोड की कीमती जमीन लालू के करीबी प्रेम गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को दी। प्रेम गुप्ता ने अपनी कंपनी के शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेच दिए, इसी कंपनी के जरिए जमीन पर लालू के परिवार का कब्ज़ा हो गया।