लखनऊ : निजी क्षेत्र के कर्जदाता आइसीआइसीआइ बैंक को 16 वर्षो में पहली बार किसी तिमाही में नुकसान उठाना पड़ा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जुलाई, 2018) के लिए बैंक द्वारा शुक्रवार को घोषित वित्तीय नतीजों के मुताबिक उसे स्टैंडअलोन आधार पर 119.5 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा।
पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 2,049 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। वहीं,कंसोलिडेटेड आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ महज 4.93 करोड़ रुपये रहा,जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,604.73 करोड़ रुपये रहा था।
समीक्षाधीन अवधि में फंसे कर्ज (एनपीए) के मोर्चे पर भी बैंक को कोई राहत नहीं मिली। बैंक ने कहा है कि पहली तिमाही में उसका एनपीए ग्रॉस एडवांस के 8.81 फीसद पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7.99 फीसद था। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 18,574.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बैंक ने कहा है कि पहली तिमाही में उसने एनपीए और आकस्मिक व्यय के मद में कुल 5,971.29 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक को इन मदों में सिर्फ 2,608.74 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा था। 1गौरतलब है कि वीडियोकॉन ग्रुप को दिए कर्ज के मामले में बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर सेवा के बदले लाभ और भाई-भतीजावाद का आरोप है। इस मामले की जांच पूरी होने तक कोचर छुट्टी पर हैं। बैंक द्वारा नतीजों की जानकारी देने से पहले बीएसई में उसके शेयर2.6 फीसद उछाल के साथ बंद हुए।