अशाेक यादव, लखनऊ। राजधानी मे डेंगू के मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। डेंगू के नियंत्रण करने के सभी प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं। रविवार को शहर के विभिन्न अस्पातलों में इन्दिरानगर, अलीगंज, आलमबाग, टूडियागंज, सिल्वर जुबली, एनके रोड, चिनहट, काकोरी, माल, रेडक्रास, ऐशबाग आदि क्षेत्र से कुल 26 नए मरीजों की भर्ती हुए हैं। प्रदेश में डेंगू के साथ ही वायरल मरीजों की संख्या भी प्रशासन के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है।
रविवार को डेंगू के नियन्त्रण के मुख्य चिकित्साधिकारी, लखनऊ के निर्देशानुसार नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा त्रिवेणीनगर, अलीगंज, राजाजीपुरम, न्यू हैदरगंज मैथलीशरण गुप्त, अम्बेडकर मालवीय नगर, विधावती वार्ड के आस-पास के क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। जिनमें कुल 3455 घरों का सर्वेक्षण किया गया। जिनमें दस घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।
डेंगू के साथ प्रदेश में वायरल बुखार के मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही हैं। बदलते मौसम के कारण जनपज में रोज लगभग हजारों की तदात में मरीज अस्पताल पहुच रहें हैं। वायरल से खासकर बच्चों में अधिक तेजी से फैल रहा हैं। वायरल बुखार के पेसेंट में भी प्लेटलेट की कमी, सर्दी, जुखाम, बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि संक्रमक रोगों की रोकथाम के लिए विभाग की अनेक टीमें लगाई गई हैं।
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर प्रजाति के काटने से होता है। कुछ गंभीर मामलों को छोड़कर इसमें खतरे की आशंका कम होती हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत होनो की संभावना न के बराबर होती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरन इसका संक्रमण का गंभीर दुष्परिणाम हो सकते है। जो नवजात शिशुओं में मस्तिष्क दोष कारण बन सकता हैं। जीका वायरस बीमारी के आम लक्षण बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना और मांसपेशियों में दर्द हैं। इसके लक्षण काफी कुछ डेंगू से मिलते-जुलते हैं। वायरस से संक्रमित होनो पर यह इसका असर सप्ताह तक रह सकते हैं। समान्यरूप में इस बीमारी में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती।