लखनऊ। अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति बताकर धोखाधड़ी करने वाला जालसाज को एसटीएफ की टीम ने सरोजनीनगर के अमौसी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि सूचना मिली की लखनऊ व आसपास के क्षेत्र में अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति बताकर धोखाधड़ी करके लाखों रूपये की जालसाजी का प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर पुलिस उपाधीक्षक पीके मिश्र के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर निर्देषित किया गया। छानबीन के दौरान सूचना मिली कि अमौसी क्षेत्र में रहने वाले नमो नारायण सिंह के पास भगवान महावीर की मूर्ति है।
जिसको वह अष्टधातु की बताकर तथा खुनखुन लैब टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 की फर्जी टेस्टिंग की रिपोर्ट लगाकर उसे किसी दुकानदार को जालसाजी करके पांच लाख रूपये में बेच रहा है। सूचना पर एक टीम बनाकर मूर्ति का सौदा करने के लिये भेजा गया। हाईडल चैराहा गौरीबाजार के निकट एक होटल के पास तीन जालसाज मिलने पहुचें। बातचीत के दौरान एक व्यक्ति कुछ देर के लिये कही चला गया। जब वह वापस लौटा तो उसके हाथ में एक झोला था। जिसमें वह मूर्ति तथा खुनखुन लैब की कूटरचित टेस्टिंग रिपोर्ट रखी हुयी थी। जिसे देखने के बाद पुलिस ने शक पुख्ता होने पर उनको पकड़ने की कोशिश की। जिसमें दो जालसाज मौके से भाग निकले । जबकी एक जालसाज को पकड़ लिया गया।
जिसकी पहचान नमो नारायण सिंह निवासी रूपवार भगवानपुर थाना भीमपुरा जनपद बलिया के रूप में हुयी। जिसने बताया कि वह सरोजनीनगर के ग्राम गंगानगर अमौसी में राजेश पण्डित के मकान में किराये पर रहता है।रिश्तेदार की बतायी मूर्तिपूछताछ पर उसने बताया कि यह मूर्ति मुझे मेरे रिश्तेदार दीपक सिंह निवासी जनपद आजमगढ़ ने लगभग तीन महीने पहले यह कहकर दिया था कि यह पूजापाठ वाली मूर्ति है। जिसे प्राचीन अष्टधातु की मूर्ति बताकर पांच लाख रुपए में बेच सकते हो। मैने धन की लालच में आकर स्वंय कम्प्यूटर की मदद से खुनखुन लैब की कूटरचित टेस्टिंग रिपोर्ट तैयार कर लिया। जिससे ग्राहक को आसानी से धोखा देकर मूर्ति बेचा जा सके।