लखनऊ। अवैध खनन के आरोप में फंसी आईएएस बी चंद्रकला से बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। लखनऊ स्थित ईडी दफ्तर में उनसे बंद कमरे में अवैध खनन टेंडर जारी करने के संबंध में घंटो पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे खनन मामले से जुड़े कई सवाल पूछे गए। इससे पहले 24 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें लखनऊ ऑफिस में पेश होने को कहा था। लेकिन वे खुद न उपस्थित होकर अपने वकील के हाथों दस्तावेज भेजे थे, जिससे ईडी संतुष्ट नहीं था। इसके बाद बुधवार को उन्हें दोबारा ईडी ऑफिस बुलाया गया था और कहा गया था कि अगर वह पेश नहीं हुईं, तो गिरफ्तारी की जा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय ने चंद्रकला से उनकी संपत्ति के बार में जानकारी मांगी है।
दरअसल, बी. चंद्रकला की संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 2011-12 को दौरान उन्होंने 10 लाख की संपत्ति घोषित की थी, जो कि 2013-14 में बढ़कर एक करोड़ हो गई। संपत्ति में दस गुना इजाफा कैसे हुआ यह सवाल चंद्रकला के लिए मुसीबत बना हुआ है। पूछताछ में ईडी ने चंद्रकला से भी पता लगाने की कोशिश की कि 31 मई 2012 को जो खनन पट्टे सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के परिवार के नाम पर जारी किया गया था, उनकी अनुमति तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और खनन मंत्री गायत्री प्रजापति द्वारा दी गई थी?
बता दें कि हमीरपुर जिले से जुड़े अवैध खनन मामले में सीबीआई ने 11 लोगों पर केस दर्ज किया था, जिसमें बी चंद्रकला का नाम भी था। उनपर हमीरपुर डीएम रहते हुए नियमों के खिलाफ जाकर टेंडर जारी करने का आरोप है। एफआईआर दर्ज कर सीबीआई ने चंद्रकला के घर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी ने पूरी प्रक्रिया में पैसों के लेनदेन का पता लगाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग केस भी दर्ज किया था।