लखनऊ/ अलीगढ़: अलीगढ़ में साधुओं की हत्या और मुसलमानों के एनकाउंटर का प्रकरण एक बार पुनः सुर्खियों में है प्रा०स०प०लो० के वरिष्ठ नेता एहसान खान पूर्व वजीह अहमद समेत एक शिष्टमण्डल के साथ 28 नवंबर 1 बजे स्व० साधु बाबा रामस्वरूप के सफेदपुरा स्थित आवास पर उनके परिवारों से पहुँच रहे है एवं शिष्टमण्डल के साथ 2 बजे अतरौली स्थित एनकाउंटर में मारे गए नौशाद व मुस्तकीम के घर पहुंचेंगे। श्री खान ने प्रेस को जारी बयान में कहा ये एनकाउंटर नहीं हत्या है इसलिए तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, साथ में इन साधु महात्माओं, किसानों की हत्या समेत एनकाउंटर की न्यायिक जाँच का मुख्यमन्त्री ऐलान करें या सीबीआई जाँच की सिफारिश करें, इस सम्बन्ध में गृह मन्त्री भारत सरकार, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, मा० मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल समेत उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। श्री खान ने कहा अलीगढ़ प्रशासन ने कानून का मखौला उड़ाया है इसे बीबीसी समेत तमाम रिपोर्ट एवं जनमानस एवं जिन साधु महात्माओं, किसानों की हत्या हुई है एवं नौशाद व मुस्तकीम के परिवार से बातकर जाना जा सकता है।
श्री खान ने कहा मुकीमपुर थाना क्षेत्र के भोड़रा आश्रम रोड पर शिवमंदिर में 12 अगस्त 70 वर्षीय पुजारी व 45 वर्षीय किसान की हत्या, पुनः 26 अगस्त को अतरौली कस्बे से सटे गांव बहरवाद के किसान मंटूरी सिंह की हत्या, तीसरी घटना 14 सितंबर हरदुवागंज के कलाई गांव के पास बसे हुरैना आश्रम में हुई, यहाँ साधु बाबा रामस्वरूप की हत्या कर दी गई तथा उसी दिन खेत में कीटनाशक दवाई डाल रहे किसान दम्पत्ति की हत्या कर दी गई। इन सारी घटनाओं को लेकर पुलिस दबाव में थी। इसी बीच निर्देश निर्दोष गरीब नौशाद व मुस्तकीम को 16 सितंबर को पुलिस उसके घर से मारपीट कर ले गई, पूरे मोहल्ले के इलाके के लोगों ने यह घटना देखी और 4 दिन बाद 20 सितम्बर को फर्जी इनकाउंटर कर अलीगढ पुलिस ने बयान दिया इन साधु महात्माओं, किसानों की हत्या में यह दोनों शामिल थे और सारे केस बंद कर दिए और कहा अपराधी मारे गए। श्री खान ने कहा अब साधु महात्माओं, किसानों के परिवार उनके अनुयाई कहते हैं कि हमें न्याय कैसे मिलेगा तो उन्हें मुल्जिम मानते हुए बंद कर दिया गया। नौशाद, मुस्तकीम का परिवार व इलाके के लोग कहते हैं सच्चाई तो इससे ही सामने आ जाती है कि दिनदहाड़े 16 सितंबर को घर ले जाकर इन दोनों मुस्लिम लड़कों को भी 20 सितंबर को फर्जी एनकाउंटर कर मार दिया गया।