अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का सिलसिला शनिवार को भी जारी है। गुरुवार रात से लोगों की तबीयत खराब होने लगी और शुक्रवार देर रात तक 27 लोगों ने दम तोड़ दिया था।
पांच की शनिवार सुबह मृत्यु होने के बाद से अब संख्या 32 पर पहुंच गई है। अभी भी यह संख्या बढ़ सकती है। जिला अस्पताल में भर्ती कई लोगों की हालत अभी गम्भीर बनी हुई है।
उनके इलाज में चिकित्सक लगे हैं। मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने लापरवाही के आरोप में जिला आबकारी अधिकारी समेत पांच कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
अलीगढ़ के लोधा, खैर व जवां क्षेत्र के लोगों ने गुरुवार शाम अलग-अलग ठेकों से देसी शराब खरीदी थी। देर शाम सेवन किया। लोधा के गांव करसुआ के सुनील को रात करीब नौ बजे उल्टियां होने लगीं। हालत बिगडऩे पर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां मौत हो गई। कुछ देर बाद ही गांव के कुछ अन्य लोगों को उल्टियां शुरू हो गईं। आंखों की रोशनी जाने की शिकायतें आने लगीं।
गांव के ही महेश की रात करीब दो बजे मौत हो गई। सुबह तक पांच लोगों के मरने की खबर आ गई, इनमें गैस प्लांट के चार ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं। दोपहर तक गांव रायट, अंडला व जवां में तीन-तीन, जबकि हैबतपुर, फतेह नगरिया, सूजापुर, नंदपुर पला में एक-एक मौत हो गई। कुछ शवों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ग्रामीणों का दावा 22 से अधिक मौत होने का है। इसके अलावा शुक्रवार शाम को यहां से करीब 20 किलोमीटर गभाना तहसील के गांव सांगौर में पूर्व प्रधान धर्मपाल सहित पांच लोगों की मृत्यु हो गई। प्रशासन व आबकारी विभाग की टीम ने वहां की दुकान को भी सील कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है शराब पीने से ही मौत हुई है। अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
जिला प्रशासन ने 18 लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि की थी, लेकिन 25 शवों का पंचनामा भरा गया। इनमें से 19 शवों का पोस्टमार्टम हो गया है। दो शव रखे हुए हैं। सरकारी ठेकों से खरीदी शराब पीने के बाद गुरुवार रात से ही शुरू हुआ मौत का यह सिलसिला शुक्रवार तक जारी था। गुस्साए लोगों ने सुबह ठेकों के बाहर हंगामा किया।
डीएम चंद्रभूषण सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। चार ठेके सील कर दिए गए हैं। इस प्रकरण में एक महिला सहित चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच होने तक जिले में देसी शराब की सभी दुकानें बंद करा दी गई हैं।
यहां पर प्रथमदृष्टया जांच में मिलावटी शराब बनाकर सरकारी दुकान से बेचने का मामला सामने आया है, इसमें सरकारी ठेकेदार भी लिप्त है। शासन स्तर से जिला आबकारी अधिकारी सहित पांच को निलंबित किया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में गृह व आबकारी विभाग को 48 घंटे अवैध शराब के खिलाफ छापामार अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इस केस में तीन मृतकों के स्वजन की ओर से अलग-अलग थाने में 12 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।