लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जा रही है। यादव ने शनिवार को कहा कि रिजर्व बैंक में प्रतिभूति की तरह जमा पैसों को भी भाजपा ने नहीं छोड़ा। बैंकों में धोखाधड़ी की तमाम घटनाएं प्रकाश में आई है। देश की अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि लगातार की गई कोशिशों के बाद केन्द्र सरकार आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष से एक लाख 76 हजार करोड़ रूपए हासिल करने में सफल हो गई लेकिन इस आरक्षित कोष के सदुपयोग के बारे में वित्तमंत्री भी आश्वस्त नहीं दिख रही हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से कर राजस्व वसूली अनुमान से करीब डेढ़ लाख करोड़ रूपए कम रही है। जुलाई से सितम्बर के मध्य विकासदर और कम होने का अंदेशा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनमाने तरीके से आरक्षित कोष का पैसा अपने राजनीतिक हित साधन में लगाया तो इससे जनता का बैंकों पर विश्वास घटेगा। बेहतर था कि इन पैसों से रोजगार का सृजन होता अन्यथा युवा आक्रोश को ज्यादा समय तक दबाए रखना विस्फोटक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का खामियाजा आम आदमी को भोगना पड़ रहा है। नोटबंदी और जीएसटी से उद्योगों की हालत खस्ता है, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां जाने की खबरें आ रही है। टैक्स के बोझ से बाजार का मनोबल टूट गया है। आयकर के छापों का आतंक अलग से बाजार में दहशत पैदा किए हुए है।