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अरविन्द केजरीवाल ने फाड़ी एलजी द्वारा बनाई समिति की रिपोर्ट, सोशल मीडिया पर राहुल भी छाये

लखनऊ/नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सीसीटीवी के मुद्दे पर सभी रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के साथ हो रही बैठक को संबोधित करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद  केजरीवाल ने सीसीटीवी पर एलजी अनिल बैजल की बनाई समिति की रिपोर्ट फाड़ दी. उन्होंने पहले जनता से पूछा ”तो इस रिपोर्ट का क्या करें?” जनता से आवाज़ आई ‘फाड़ दो’.इसके बाद केजरीवाल ने कहा ”जनता की मांग है कि इस रिपोर्ट को फाड़ दो तो जनता जनार्दन है लोकतंत्र है’ और ये कहते हुए केजरीवाल ने करीब दस हज़ार की जनता के बीच वो रिपोर्ट फाड़ दी.दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री का आरोप है कि एलजी अनिल बैजल की बनाई इस समिति की रिपोर्ट दिल्ली में लाइसेंस राज को बढ़ाएगी. केजरीवाल ने कहा कि ‘इस रिपोर्ट में लिखा है कि कोई अगर दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाएगा फिर चाहे सरकार हो, मार्केट एसोसिएशन लगाए, चाहे RWA लगाए या कोई कंपनी वाले लगाए, उसको पुलिस से लाइसेंस लेना होगा. मैं कह रहा हूं तुमसे हथियारों के लाइसेंस तो दिए नहीं जाते तुमसे पुलिस का काम तो होता नहीं है. अब तुम सीसीटीवी कैमरा के लाइसेंस दोगे’.

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि लाइसेंस असल में पैसा खाने का तरीका है. केजरीवाल ने कहा ‘मैं आपसे पूछता हूं लाइसेंस का क्या मतलब है? पैसा चढ़ाओ लाइसेंस ले जाओ’. दरअसल केजरीवाल जिस रिपोर्ट को ख़ारिज कर रहे हैं वो एलजी अनिल बैजल के कहने पर दिल्ली के गृह सचिव मनोज परिदा की अध्यक्षता में बनाई गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए नियम, कायदे और प्रक्रिया तय करना था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अगर किसी को भी सार्वजनिक स्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगाना है तो वो कैमरा लगाने का उद्देश्य, कैमरा की संख्या, लोकेशन और फुटेज को रखने की सभी जानकारी दिल्ली पुलिस के डीसीपी (लाइसेंस) को देगा.  डीसीपी (लाइसेंस) देखेंगे कि जो जानकारी दी गई वो नियम, कायदे और प्रक्रिया के अनुरूप है या नहीं. अगर नहीं है तो सीसीटीवी लगाने को निर्देश देकर उसको नियम के अनुरूप करवाएंगे’.

केजरीवाल के लगाए आरोप पर एलजी हाउस ने बयान जारी करके कहा है कि ‘व्यक्तियों की गोपनीयता पर घुसपैठ और उससे समझौता करके सीसीटीवी के दुरुपयोग के उदाहरणों सामने आए हैं. निगरानी कैमरा सिस्टम को किसी की निजता उल्लंघन करने वाला जरिया बन की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए जिसको सुप्रीम कोर्ट में भी मौलिक अधिकार माना है. इन्ही कारणों से बाकी पूरी दुनिया में सीसीटीवी के नियमितीकरण या इंस्टालेशन और आपरेशन की नीति बनी हुई है’.

हालांकि एलजी ने कहा कि ये लाइसेंस सिस्टम नहीं बल्कि नियमों का एक ड्राफ़्ट जिसमें सीसीटीवी की सूचना का सिस्टम तैयार करने की बात है जिसको जनता के सुझाव, आपत्ति के लिए जनता के बीच रखा गया है. एलजी ने भी कहा कि दिल्ली में इस समय 2 लाख सीसीटीवी कैमरा बिना किसी सिस्टम या पॉलिसी के लगे हुए हैं.

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