अशाेक यादव, लखनऊ। राम मंदिर निर्माण के लिए चल रही नींव की खोदाई का कार्य पूरा हो गया है। सोमवार को प्रायश्चित पूजन के साथ ही खोदाई वाले क्षेत्रफल का समतलीकरण व मिट्टी को रोलर से दबाने का कार्य शुरू हो गया। इसके बाद इस पूरे भू-भाग को इंजीनियर्ड फिल्ड मैटेरियल से भराई करने का कार्य एक सप्ताह में शुरू होगा।
यह कार्य सतह दर सतह तब तक चलेगा, जब तक खोदी गई 40 फीट की गहराई भर न जाए। इसमें 44 लेयर बनायी जानी हैं। यह काम अगस्त माह तक पूरा हो जाएगा। कारसेवकपुरम में पत्रकारों से बातचीत में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जन्मभूमि परिसर में जिस स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया था, वह समुद्रतल से 105 मीटर ऊंचाई पर था। रडार सर्वे के बाद जब पता चला कि यहां से 12-13 मीटर नीचे तक मलबा है, तो इसे हटाने का कार्य शुरू किया गया। 10 मीटर गहराई के बाद साफ सुथरी मिट्टी दिखने लगी। 40 फीट (12 मीटर ) के नीचे अब खोदाई का कार्य नहीं किया जाएगा। गहरे तल पर समतलीकरण व रोलर चलाकर मिट्टी को दबाने का कार्य शुरू हो गया है।
इसके बाद एक सप्ताह के भीतर ही अभ्रक, सीमेंट, मौरंग, कंकरीट, फ्लाई ऐश आदि मिश्रित सामग्री से 40 मीटर ऊपर तक इसकी फिलिंग होगी। साथ ही रिटेनिंग वॉल भी बनाई जएगी। सतह तक आने के बाद भी दो फीट मिट्टी की पटाई होगी और फिर इसके आगे मंदिर निर्माण में शिलाओं का प्रयोग शुरू होगा।
चंपतराय ने बताया कि धरती पर फावड़ा चलाया, खोदाई की, इसलिए आज प्रायश्चित पूजन किया गया। इसके पहले उन्होंने बताया कि अपेक्षा से कई गुना ज्यादा निधि समर्पण हुआ। देश भर में उत्साह रहा। अब निधि समर्पण अभियान समाप्त हुआ है, लेकिन पीएनबी, बॉब व एसबीआई के खातों में धनराशि जमा करने की सभी विधियों से मंदिर के लिए निधि समर्पित की जा सकती है।
ट्रस्ट की वेबसाइट पर जाकर सहायता भी ली जा सकती है। बताया कि निधि समर्पण अभियान में नौ लाख कार्यकर्ता, एक लाख 75 हजार टोलियां घर-घर गईं। समर्पित निधि तीन हजार करोड़ के पार चली गई है। देश के एक हजार जिलों में इसका ऑडिट चल रहा है। हरियाणा राज्य के कैथल जिले में ऑडिट पूरा हो गया। वहां कूपन, बैंक में जमा धनराशि का मिलान हो गया है।
कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म की मदद से हम प्रत्येक बैंक की शाखाओं को मार्च के प्रथम सप्ताह तक के पेडिंग चेक के बारे में बताने में सक्षम थे। अभियान की मॉनीटरिंग दिल्ली से 22 चार्टेड अकांउटेंट कर रहे थे।
बताया कि मार्च तक चार से पांच लाख लोगों ने ऑनलाइन तरीके से निधि समर्पित की। इसमें से 15 हजार लोग रसीद की डिमांड कर रहे थे। इसके बाद डिजिटल प्लेटफार्म की मदद से विशेषज्ञों ने मात्र चार से पांच दिन में सभी को ऑनलाइन रसीद भेज दी। कहा कि ट्रस्ट की पूरी व्यवस्था को डिजिटलाइज करने की तैयारी है।