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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत को सबसे बड़ा आर्थिक झटका देने को तैयार, 40000 करोड़ के कारोबार पर पड़ेगा असर

बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के बीच गाढ़े रिश्‍ते के दावे किए जाते हैं लेकिन अब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक फैसले ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ GSP (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) समाप्त करने का फैसला किया है. GSP खत्‍म होने का मतलब यह है कि भारत अब जिन प्रोडक्‍ट को अमेरिका में बेचेगा उस पर वहां की सरकार टैक्‍स लगाएगी. अब तक भारत बिना टैक्स के कुछ प्रोडक्‍ट का निर्यात करता है. अमेरिका के इस कदम को द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बड़ा झटका माना जा रहा है. अमेरिका ने GSP की शुरुआत 1976 में की थी. इसका मकसद विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि बढ़ाना था.

इसके तहत चुनिंदा आइटम्‍स के ड्यूटी-फ्री या मामूली टैरिफ पर दूसरे देशों को अमेरिका में निर्यात की अनुमति दी जाती है. वर्तमान में भारत समेत करीब 129 देशों को GSP का फायदा मिल रहा है. भारत के केमिकल्स और इंजिनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1800 से ज्‍यादा छोटे-बड़े प्रोडक्‍ट पर GSP का फायदा मिलता है. यानि भारतीय बाजार से ये प्रोडक्‍ट अमेरिकी बाजार में बिना किसी टैक्‍स या मामूली ड्यूटी चार्ज के पहुंचते हैं. जाहिर सी बात है कि इन प्रोडक्‍ट पर अब टैक्‍स लगाना भारत के लिए एक झटका है. बता दें कि भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत से यह भरोसा नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा. अमेरिका का कहना है कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है. उन्‍होंने कहा कि जो अमेरिकी प्रोडक्‍ट भारत जाते हैं उस पर काफी ऊंची दर से शुल्क लगाया जाता है. अमेरिका की हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल का उदाहरण देते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘जब हम भारत को मोटरसाइकिल भेजते हैं तो उस पर वहां 100 फीसदी का शुल्क लगाया जाता है. वे हमसे 100 फीसदी शुल्क लेते हैं जबकि भारत हमें मोटरसाइकिल भेजता है तब हम उनसे कुछ भी शुल्क नहीं वसूलते हैं.’’

अमेरिकी कानून के मुताबिक यह बदलाव नोटिफिकेशन जारी होने के 2 महीने बाद लागू हो पाएंगे. हालांकि सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस फैसले से भारत द्वारा अमेरिका को किए जा रहे निर्यात पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन ने कहा कि भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर (करीब 39,645 करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है. इनमें से सिर्फ 1.90 करोड़ डॉलर मूल्य के प्रोडक्‍ट ही बिना किसी शुल्क वाली श्रेणी में आते हैं. अन्‍य प्रोडक्‍ट पर मामूली शुल्‍क लिया जाता है. उन्होंने बताया कि भारत मुख्य रूप से कच्चे माल और जैव रासायनिक जैसी मध्यवर्ती वस्तुओं का निर्यात ही अमेरिका को करता है. बता दें कि भारत का अमेरिका को निर्यात वहां से होने वाले आयात से ज्यादा है.

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