लखनऊ। ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन ने रिलायंस के साथ फ्यूचर ग्रुप के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। सूत्रों ने कहा कि यह कदम हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उठाया गया, जिसमें यथास्थिति बनाए रखने के एकल न्यायाधीश के फैसले को रोकते हुए कहा गया था कि वैधानिक अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करने से रोका नहीं जा सकता है।
अब अमेजन ने इस मामले में फ्यूचर के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
इस संबंध में फ्यूचर और अमेजन ने ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
इस सौदे को पहले ही सीसीआई से मंजूरी मिल चुकी है, सेबी तथा सरकार ने कोई आपत्ति नहीं की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और रिलायंस रिटेल के बीच 24,713 करोड़ रुपये के कारोबार अधिग्रहण के सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी थी। पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और बाजार नियामक सेबी जैसे सांविधिक निकायों को सौदे के संबंध में कानून के अनुसार आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकता है।
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पीठ ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को भी नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक एफआरएल की अपील पर उसका पक्ष मांगा।
उसके बाद इस मामले में रोजाना सुनवाई की जाएगी।
अमेजन ने इस सौदे पर सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण के अंतरिम आदेश को लागू कराने के लिये उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ के समक्ष अपील दायर की थी। न्यायाधिकरण ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था।