अशाेक यादव, लखनऊ। सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित की मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए नियम प्रकाशित कर दिये हैं। इसमें कहा गया है कि कोई भी अधिकारी या अन्य व्यक्ति मदद करने वाले के बारे में उसकी इच्छा के विरुद्ध विवरण हासिल नहीं कर सकेगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि संकट में मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए नियम प्रकाशित किए गये हैं और इसमें पीड़ितों की मदद करने वाले वाले व्यक्ति को अधिकार प्रदान किया गया है।
नियमों में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति के साथ धर्म, राष्ट्रीयता, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति नाम, पहचान, पता या ऐसे किसी भी व्यक्तिगत विवरण का खुलासा करने के लिए एक उसे मजबूर नहीं करेगा।
नियम में कहा गया है कि यदि व्यक्ति स्वेच्छा से जानकारी देना चाहेगा या उस मामले में गवाह बनने के लिए सहमत हो तो नियम के प्रावधानों के अनुसार उसकी जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि मोटर वाहन-संशोधन अधिनियम 2019 के 134 ए में ‘गुड स्मार्टियन के संरक्षण’ का प्रावधान किया गया है जिसमें मोटर वाहन दुर्घटना के शिकार किसी व्यक्ति की मृत्यु के लिए मदद करने वाले नागरिक पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।