पणजी / लखनऊ : गोवा की मनोहर पर्रिकर नीत सरकार में गठबंधन की साथी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने आज कहा कि “अब वक्त आ गया है” कि मुख्यमंत्री राज्य में अपनी गैरमौजूदगी के दौरान सबसे वरिष्ठ मंत्री को प्रभार सौंपें. पर्रिकर (62) को शनिवार को इलाज के लिए एम्स दिल्ली ले जाया गया। पर्रिकर का अग्नाशय की बीमारी का इलाज चल रहा है. इस साल की शुरुआत में उनका अमेरिका में तीन महीने तक इलाज चला था. अपनी गैरमौजूदगी के दौरान राज्य को चलाने के लिए उन्होंने एक मंत्रिमंडलीय सलाहकार समिति का गठन किया था. गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और अन्य निर्दलीय विधायकों के अलावा एमजीपी ने अपने तीन विधायकों के साथ राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन दिया था.उनसे जब पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि उनके बड़े भाई और एमजीपी नेता सुदीन धवलीकर को प्रभार सौंपा जाए तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता..उन्हें बताने दें कि कौन सबसे वरिष्ठ है. मैं बस इतना कह रहा हूं कि जिसको भी प्रभार सौंपा जाए वह वरिष्ठतम होना चाहिए. उन्हें ही बताने दें कि कौन सबसे वरिष्ठ है”. पर्रिकर नीत मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री सुदीन धवलीकर सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं. एमजीपी अध्यक्ष ने भाजपा के साथ पार्टी के विलय की किसी भी संभावना से इंकार किया है.
संवाददाताओं से बात करते हुए एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने कहा, “अब समय आ गया है कि पर्रिकर सरकार के सुचारू कामकाज के लिए वरिष्ठतम मंत्री को प्रभार सौंपें.” मुख्यमंत्री के तौर पर पर्रिकर के स्थानापन्न के बारे में पूछे जाने पर हैदराबाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उनके स्वास्थ्य में सुधार की प्रार्थना करते हैं और पार्टी उपयुक्त समय पर निर्णय करेगी.’’ उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीने में सरकार सुचारू ढंग से काम नहीं कर पाई है. धवलीकर ने कहा कि पर्रिकर मुख्यमंत्री बने रहें और अपनी अनुपस्थिति में किसी और को प्रभार सौंप दें.