वाशिंगटन: अमेरिका अपने 7,000 सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने की योजना बना रहा है। अमेरिकी मीडिया द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान से तैनात हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना पर काम कर रहा है। अज्ञात अधिकारियों के हवाले से प्राप्त रिपोर्टों में यह संभावना जताई गई है कि महीने भर के अंदर करीब 7,000 सैनिक वतन लौट सकते हैं। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा सीरिया से सैनिकों के हटाए जाने की घोषणा के एक दिन बाद यह खबर सामने आई है।
समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक जल्द ही व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ का पद छोड़ने जा रहे जॉन केली और व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन सहित ट्रंप के वरिष्ठ कैबिनेट अधिकारियों के विरोध के बावजूद इस पर विचार किया जा रहा है। दरअसल ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि सीरिया में वर्षों से आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रही अमेरिकी सेना को अब घर वापस बुलाने का वक्त आ गया है। हालही में उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर पोस्ट एक वीडियो संदेश में आईएस जिहादियों की हार की घोषणा करते हुए कहा कि हम जीत गए। हमने उन्हें हरा दिया है और उन्हें बुरी तरह हराया है।
हमने जमीन वापस ले ली है। हालाँकि वाल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक यह ट्रंप प्रशासन का आकस्मिक फैसला है। बहरहाल सीरिया में 2,000 अमेरिकी सैनिक हैं। जबकि बीबीसी के मुताबिक कुर्दिश नेतृत्व वाले एक गठबंधन ने यह चेतावनी देते हुए कहा कि इससे एक खालीपन हो जाएगा। उन्होनें कहा कि इस्लामिक स्टेट का खतरा फिर से सर उठा सकता है। रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने अपने एक ट्वीट के जरिये अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाए जाने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा की यह एक बड़ा जोखिम हो सकता है। यह क्षेत्र में अमेरिका की प्रगति पर पानी फेर सकता हैद्य ग्राहम ने कहा कि प्रशासन का यह कदम फिर से 9ध्11 जैसे वारदात को अंजाम देने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।