लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन पर कहा कि उन्होंनेसमाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके भारतीय जनता पार्टी और अन्य दलों की नींद उड़ा दी है. उन्होंने कहा कि इस साल मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर आया है, जब देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर हमारी पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन किया है. ऐसा करके हमने बीजेपी और अन्य पार्टी की नींद उड़ाई हुई है. यूपी ही तय करता है कि देश में किसकी सरकार बनेगी. इस गठबंधन को जनहित में कामयाब बनाने के लिए बसपा और सपा के लोगों से अपील करती हूं कि आप अपने पुराने गिले-शिकवे किनारे करके अपने इस गठबंधन के सभी उम्मीदवारों को ऐतिहासिक जीत दिलाएं. यह मेरे जन्मदिन के लिए बड़ा तोहफा भी होगा.
साथ ही मायावती ने कहा, ‘देश की आजादी के बाद बीजेपी और कांग्रेस की सरकार के राज में जमकर भ्रष्टाचार हुआ. किसान, गरीब, दलित व अन्य पिछड़े वर्ग का सही से विकास नहीं हुआ, जिससे दुखी होकर ही हमें इनके हितों के लिए पार्टी बनानी पड़ी थी. आज देश में किसान, दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग सबसे ज्यादा दुखी है. इसकी एक वजह केंद्र सरकार है. यही वजह है कि अब आम जनता बीजेपी को सत्ता से हटाने का मन बना चुकी है. इसकी एक बानगी एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में देखने को मिली. बीजेपी को समझ लेना चाहिए कि झूठे वादे और जुमलेबाजी से किसान व दलित विरोधी सरकार की दाल ज्यादा दिन तक गलने वाली नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस की तीन राज्यों में बनी सरकार पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
चाहे बात किसान के कर्ज माफी की हो या फिर दलितों को फायदा देने की सरकार पर सवाल पूछे जाने लगे हैं.’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘थोड़ा सा कर्जा माफ करने से किसानों को कोई राहत नहीं मिलेगी. किसानों के पूरे कर्ज को माफ किया जाना चाहिए. ऐसा करके ही हम किसानों की मदद कर पाएंगे. किसानों के हितों को लेकर हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि हम देश में किसान, दलित और पिछड़ों की समस्या का संतोषजनक समाधान निकालने की स्थिति में हैं.’ भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सरकार के नोटबंदी के फैसले से पिछड़ों,
दलितों और मुसलमानों की स्थिति बहुत खराब हुई है. नोटबंदी का फैसला छोटे उद्योगों के लिए भी हानिकारक रहा है. बीजेपी सरकार सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के लिए ही काम कर रही है. बीजेपी सिर्फ बड़े उद्योगपतियों का ही कर्ज माफ करने में रुचि दिखाती है. रक्षा सौदों के संबंध में हमारी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी सहयोगी पार्टी के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों को भी विश्वास में लेकर ही कोई बड़ा फैसला ले. रक्षा खरीदों में भ्रष्टाचार जैसी चीजों को खत्म किया जाए.’