लखनऊ-नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासियों को विशेषाधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पहले हम ये तय करेंगे कि मामले को संवैधानिक पीठ भेज जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि 35 A 1954 में आया और अब 60 साल बाद इसे चुनौती दी गई है. जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि इस साल दिसंबर में चुनाव होने है. इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने 19 जनवरी तक टाल दी है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ASG तुषार मेहता ने राज्य की ओर से कोर्ट में कहा कि हम इससे इंकार नहीं करते कि 35 a में भेदभाव का एलीमेंट है लेकिन मामले की सुनवाई होनी चाहिए. ये उस वक्त कहा गया जब याचिकाकर्ता चारू वली खन्ना की ओर से कहा गया कि महिलाओं से भेदभाव हो रहा है. जस्टिस ए एम खानविलकर ने कहा कि जब राज्य कह रहा है कि कानून व्यवस्था की दिक्कत है. हालात नियंत्रण से बाहर हैं तो हम इस केस को अब कैसे ले सकते हैं ?
60 साल बाद इसे चुनौती दी गई है. जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि इस साल दिसंबर में चुनाव होने है. इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने 19 जनवरी तक टाल दी है.