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अनिल यादव ने सपा से इस्तीफा दिया, पत्नी पंखुड़ी पाठक के अपमान से थे आहत

अशाेक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के पूर्व प्रवक्ता और गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष अनिल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दिया। अनिल यादव ने अपनी पत्नी पंखुड़ी पाठक को लेकर सपा कार्यकर्ताओं की अभद्र टिप्पणी का विरोध करने पर उन्हें पार्टी के अधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप से निकालने को इस्तीफे की वजह बताया है।

 जानकारी के अनुसार, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खास माने जाने वाले अनिल यादव ने शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहित अपने सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इस्तीफा पत्र शेयर करते हुए लिखा कि यह वह समाजवादी पार्टी नहीं है, जिसका मैं सच्चा सिपाही हूं।

दरअसल, उनकी पत्नी और कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज पंखुड़ी पाठक द्वारा शेयर की गई एक पोस्ट पर सपा नेताओं द्वारा अभद्र टिप्पणियां की गई थीं। इन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कोई एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाते हुए अनिल यादव ने आज इस्तीफा दे दिया।

अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि कल एक तस्वीर वायरल हुई। इसमें अखिलेश जी पर आमजन को टीका टिप्पणी करने का मौका मिला और इस कड़ी में कांग्रेस ने भी प्रियंका जी की तस्वीर के साथ उस तस्वीर को लगाकर कटाक्ष किया। मेरी पत्नी पंखुड़ी ने भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता की पोस्ट को शेयर किया, लेकिन इस पर बहुत सारे समाजवादी पार्टी के लोगों ने पंखुड़ी को अभद्र व अशोभनीय टिप्पणियां लिखनी शुरू कर दीं।

वैसे मैं सोशल मीडिया पर लिखी किसी भी चीज को महत्व नहीं देता, लेकिन कुछ टिप्पणी तो इतनी घटिया थीं कि कोई आम आदमी अपने घर की महिला के बारे में भी ऐसा देखे तो सह ना सके। पंखुड़ी ने इस पर पुलिस कंप्लेंट कर दी। वहीं सपा की तरफ से इन नेताओं व पार्टी के लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मुझे ही लोगों ने पंखुड़ी को समझाने की नसीहत देनी शुरू कर दी। मुझे सपा के सभी अधिकारी वॉट्सऐप ग्रुप से भी निकाल दिया गया। इसका सीधा संदेश मुझे समझ में आ गया है, इसलिए मैं सपा की प्राथमिक और आजीवन सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।

अनिल यादव ने आगे लिखा कि लगभग 10 साल का साथ यहीं समाप्त हुआ। मुझे सपा में बेहिसाब सम्मान और प्यार मिला, जिसका मैं आभारी हूं, लेकिन यकीन मानिए पार्टी ने अपमान में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। जिस पार्टी से हम अपने घर की महिलाओं के सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते, उससे सर्व समाज के सम्मान और उत्थान की क्या ही उम्मीद रखें?

यह सब मैं भारी मन से लिख रहा हूं, क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं सपा छोड़ पाऊंगा, लेकिन अंत में यही कहूंगा कि क्या समाजवादी पार्टी इतनी कमजोर है कि एक फोटो से अस्तित्व खतरे में आ जाता है और किसी महिला को इस तरह गालियां दी जाती हैं। जो भी साथी मुझसे सफर में जुड़े, उनसे मेरे रिश्ते व्यक्तिगत थे और हमेशा रहेंगे। मैं एक भाई की तरह ही आपके लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। मेरी शुभकामनाएं समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव जी को।

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