नई दिल्ली। अपने चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता पद से हटाये जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में चिराग पासवान ने मंगलवार को पार्टी की तुलना एक मां से करते हुए कहा कि इसके साथ विश्वासघात नहीं किया जाना चाहिए।
एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई पार्टी और अपने परिवार को एक साथ रखने के प्रयास किये लेकिन असफल रहे।
चिराग पासवान ने कहा कि लोकतंत्र में लोग सर्वोच्च हैं और उन्होंने पार्टी में विश्वास रखने वालों को धन्यवाद दिया। चिराग पासवान ने मार्च में अपने पिता के सबसे छोटे भाई पारस को लिखे गए एक पत्र को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने सहित कई मुद्दों पर अपने चाचा की नाखुशी को उजागर किया था।