हरदोई। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया है कि हरीशंकर पुत्र जग्गालाल कीटनाशी रसायनो के पंजीकृत विक्रेता है। इनका प्रतिष्ठान मेसर्स पटेल कृषि सेवा केन्द्र उन्नाव रोड संडीला में स्थित है। विक्रेता हरीशंकर के कीटनाशी अधिष्ठान से जिला कृषि रक्षा अधिकारी उमेश कुमार ने विगत 19 अगस्त 2018 को कीटनाशक प्रोफेनोफास 40 प्रतिशत तथा साईपरमेथिन 4 प्रतिशत निर्माण तिथि 01 जून 2018, अन्तिम तिथि 30 नवम्बर 2019 मात्रा 100 एमएल का नमूना आहरित किया। नमूना आहरित कर 21 अगस्त 2018 को राजकीय उर्वरक एवं कीटनाशी प्रयोगशाला अपोजिट न्यू अनाज मण्डी दिल्ली रोड मेरठ को विश्लेषण हेतु प्रेषित किया गया। राजकीय उर्वरक एवं कीटनाशी प्रयोगशाला ने नमूने का विश्लेषण कर अधोमानक घोषित किया।
उन्होने बताया कि विक्रेता हरीशंकर के द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला एवं सत्र न्यायालय हरदोई में अधोमानक काउन्टर नमूने के पुर्नपरीक्षण हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। इस सम्बन्ध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा काउन्टर नमूने के पुर्नपरीक्षण केन्द्रीय कीटनाशी प्रयोगशाला से कराने के आदेश पारित किये गये। जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा विक्रेता के व्यय पर काउन्टर नमूना पुर्नपरीक्षण हेतु केन्द्रीय कीटनाशी प्रयोगशाला को प्रेषित किया गया। केन्द्रीय कीटनाशी प्रयोगशाला द्वारा नमूने का पुर्न विश्लेषण किया गया जिसमें काउन्टर नमूना पुनः अधोमानक पाया गया।
उन्होने बताया कि कीटनाशी अधिनियम 29(1) ए के अन्तर्गत अधोमानक रसायन का उत्पादन एवं विक्रय दण्डनीय अपराध है। इस प्रकार निर्माता फर्म केमिस्ट एम0 हरीश मेसर्स नार्गाजुना एग्रीकेम लि0, प्लाट नं0 12ए ’’सी ब्लाक’’ लक्ष्मी टावर्स, नार्गाजुना हिल्स पंजागुटटा हैदराबाद तथा विक्रेता फर्म हरीशंकर मेसर्स पटेल कृषि सेवा केन्द्र उन्नाव रोड सण्डीला, अधोमानक रसायन के निर्माण एवं विक्रय के दोषी पाये गये है। इस पर जिला मजिस्ट्रेट हरदोई ने कीटनाशी अधिनियम 1968 की धारा 31(1) के अन्तर्गत उक्त विक्रेता फर्म तथा निर्माता फर्म दोनो के विरूद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदोई के न्यायालय में वाद दायर करने की स्वीकृति प्रदान की है।