कोलकाता-लखनऊ: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तृणमूल का दबदबा बरकरार है। सोमवार को एक चरण में हुए पंचायत चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली है।
तृणमूल ने ग्राम पंचायतों की 80 फीसद और पंचायत समितियों की 90 फीसद, जबकि जिला परिषद की सत प्रतिशत सीटें जीतने में कामयाब रही है। भाजपा ने वाममोर्चा और कांग्रेस को पछाड़ दूसरे स्थान पर पहुंच गई है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है। वहीं वाममोर्चा और कांग्रेस चुनाव जीतने में हाशिए पर पहुंच गई हैं। इनमें से कुछ सीटें ऐसी है, जहां निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है।
राज्य के 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सोमवार को जिला परिषद की 621, पंचायत समिति की कुल 9217 में से 6158 सीटों के लिए, जबकि ग्राम पंचायत की कुल 48,650 सीटों में से 31,836 सीटों के लिए एक चरण में चुनाव हुआ था। बाकी की करीब 34 फीसद सीटों पर तृणमूल उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। क्योंकि, यहां विपक्षी उम्मीदवार नामांकन नहीं कर पाए थे। हालांकि, उक्त सीटों पर सुप्रीम कोर्ट जीत घोषित करने पर रोक लगा रखी है। दो अप्रैल को नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से हिंसा में करीब 40 लोग मारे जा चुके हैं। राज्य चुनाव आयोग की ओर से 291 केंद्रों पर मतगणना की व्यवस्था की गई थी।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में 48,650 ग्राम पंचायत में से 11,520 सीटों पर तृणमूल के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इसी तरह 9,217 पंचायत समिति की सीटों में से 2,059 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के नेता बिना चुनाव लड़े जीत चुके हैं तो वहीं 825 जिला परिषद की सीटों में 93 पर ममता बनर्जी की पार्टी के नेता निर्विरोध जीत चुके हैं