नई दिल्ली: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अमौसी एयरपोर्ट पर प्रयागराज जाने से रोके जाने के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के मामलों में विधान परिषद सदस्यों, छात्रों, नौजवानों और कार्यकर्ताओं पर लगाए गए सभी गलत मुकदमे वापस होंगे। इस मुद्दे को लेकर विधान परिषद में लगातार चार दिन तक हंगामे के बाद सभापति रमेश यादव ने यह व्यवस्था दी। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने सदन में सिलसिलेवार पूरा प्रकरण रखा। सपा के नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि वह 12 फरवरी को सुबह 10 बजे ही प्रयागराज से लखनऊ चले आए थे। इसके बावजूद उनके खिलाफ हत्या के प्रयास और आगजनी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सपा के वासुदेव यादव ने कहा, उस दिन इलाहाबाद में मैं तो था, पर नरेश उत्तम नहीं थे। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट मंगा लेते हैं।
उसके आधार पर निर्णय ले लेंगे। इस पर सपा, बसपा, कांग्रेस, शिक्षक दल और निर्दल समूह के सदस्यों ने एकमत होकर कहा कि परंपरा रही है कि सदन का सदस्य जो कहता है, उसे ही सही माना जाता है। अधिकारियों से रिपोर्ट मंगाने की बात कहना उचित नहीं है। सभापति ने अपनी व्यवस्था देते हुए कहा कि इस प्रकरण में सदन के सदस्यों, छात्रों, नौजवानों एवं कार्यकर्ताओं पर जो गलत मुकदमे लगाए गए हैं, वे तत्काल वापस लिए जाएं। औचित्य के प्रश्न के तहत शतरुद्र प्रकाश ने 14 फरवरी को कालिदास मार्ग पर उनकी गाड़ी रोके जाने का मुद्दा उठाया। कहा, मुख्य सचिव के उस रास्ते से गुजरने के कारण मेरी गाड़ी को रोके रखा गया, जिससे मुझे सदन में आने में देर हुई। सभापति रमेश यादव ने संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।