अशाेक यादव, लखनऊ। स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी और सरदार पटेल के साथ मोहम्म्द अली जिन्ना का योगदान भी होने के समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तालिबानी सोच का परिणाम बताया है। उन्होंने इसे तुष्टीकरण की घटिया राजनीति बताया है।
योगी ने सोमवार को मुरादाबाद में कहा कि अखिलेश का बयान विभाजनकारी मानसिकता को दर्शाता है और जनता ऐसे लोगों को खारिज कर देगी। उल्लेखनीय है कि रविवार को एक जनसभा में अखिलेश ने कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जिन्ना ने एक ही शिक्षण संस्थान से बैरिस्टरी की पढ़ाई की थी और बाद में आजादी के संग्राम में भी योगदान किया।
योगी ने कहा कि देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ जिन्ना की तुलना करना शर्मनाक है। इसके बाद सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने अखिलेश के बयान की निंदा करते हुए माफी मांगने की मांग कर डाली।
इसके अलावा योगी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि अखिलेश का यह बयान उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। रजा ने कहा कि उनका यह बयान देश के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अपमानजनक है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता मुकेश चौहान ने कहा कि अखिलेश ने यह बयान भाजपा के इशारे पर दिया है।
चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा और भाजपा मिल गए हैं और भाजपा के इशारे पर अखिलेश ने इस तरह का बयान दिया है। यूपी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी अखिलेश के बयान की निंदा करते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति का घिनौना खेल करार दिया। पाठक ने कहा कि अखिलेश या तो अपने बयान का खंडन करें या देश से माफी मांगे। अखिलेश के बयान पर मचे घमासान पर सपा की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गयी है।