पंजाबः अकाली दल में सुनवाई न होने के कारण पार्टी को अलविदा कहने वाले चार टकसाली अकाली पार्षद वीरवार को सूबे के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की हाजिरी में कांग्रेस में शामिल होंगे। इस संबंध में पार्षद रजिंदर सिंह ने पुष्टि कर दी है। उनका कहना था कि उनके साथ दो और पूर्व पार्षदों के अलावा सर्किल अध्यक्ष भी कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। अकाली दल छोड़ने वाले मौजूदा पार्षदों में रजिंदर सिंह, मास्टर हरमंदर सिंह, निर्मल संधू और राजू सरां के नाम शामिल हैं, जबकि दो पूर्व पार्षदों में एक महिला पार्षद परविंदर कौर के अलावा एक अन्य नाम शामिल हैं। पार्षद रजिंदर सिंह ने बताया कि वो टकसाली अकाली वर्कर के तौर पर पार्टी के साथ पिछले तीन दशकों से काम कर रहे थे। लेकिन अब शिअद में पीए कल्चर इतना भारी हो चुका है कि टकसाली अकाली वर्करों को नजरअंदाज करने के अलावा जलील किया जा रहा है।
पार्षद ने बताया कि वीरवार को माल रोड पर स्थित सुभाष मार्केट में कांग्रेस के एक बडे़ समागम के दौरान वह अपने साथी पार्षदों समेत कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पार्षद ने आरोप लगाया कि पहले पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल ने डेरा मुखी के खिलाफ केस करवाया जब चुनाव नजदीक आ गए तो डेरा समर्थकों की वोट हासिल करने के लिए उस पर बादल पिता पुत्र ने दवाब बनाकर डेरा मुखी खिलाफ अदालत में चल रहे केस को वापिस कराया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई तब भी बादलों ने कोई कदम नहीं उठाया। जिसके चलते उनमें रोष था और वह पार्टी को छोड़ने का तो पहले ही मन बना चुके थे।