हरियाणा के पलवल के खेड़लागांव में जिस महिला का ससुरालियों ने दो महीने पहले अंतिम संस्कार किया था, वह अचानक मायके पहुंच गई. जिंदा देख हैरान लोगों को महिला ने आपबीती सुनाई तो सबकी आंखें फटी रह गईं. महिला ने बताया कि ससुराल वालों ने पीटकर अधमरा करके बेहोशी की हालत में मरा समझकर जंगल में फेंक दिया था. होश में आने पर महिला ने डेढ़ महीने तक भीख मांगकर गुजारा किया. पुलिस ने पति, सास, ससुर, देवर, ननद और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, दिल्ली के राजीव नगर फेस-3 की रहने वाली कविता की शादी 2002 में पलवल जिले के खेड़ला गांव के बृजलाल से हुई थी. 34 साल की कविता ने बताया कि उसके दो बेटे और एक बेटी है. ससुराल वाले आए दिन उससे झगड़ा करते थे. पति मारता-पीटता था. 22 अप्रैल को पति सास, ससुर देवर और ननद ने मिलकर उसको खूब पीटा. बेहोशी की हालत में मरा समझकर पति और ससुर और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर थ्रीव्हीलर में डालकर नूंह के जंगल में फेंक दिया.
इसके बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी चांदहट थाने में दर्ज करा दी. पुलिस ने 4 मई को बृजलाल को सूचना दी कि अडवर (मेवात) के पास शव मिला है. नूंह पहुंचकर बृजलाल ने शव की पहचान कविता के रूप में कर ली. महिला के शव पर कविता के कपड़े और गहने भी थे. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव ससुरालियों को सौंप दिया. इसके बाद गांव ले जाकर विधि पूर्वक उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इस बीच महिला के परिजन निश्चिंत हो गए कि कविता अब इस दुनिया में नहीं है.