लखनऊ-श्रीनगर: अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में रविवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान शहीद हो गए. देर रात करीब 1 बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से जम्मू के अखनूर सेक्टर में अग्रिम सीमा चौकी पर बिना उकसावे के फायरिंग की गई, जिसमें बीएसएफ के दो जवान सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) एस.एन. यादव और कॉन्स्टेबल वी.के. पांडे गंभीर रूप से जख्मी हो गए. दोनों जवानों को तुंरत ही मेडिकल सुविधा मुहैया कराई गई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
दूसरी सीमा चौकियों पर से सेना ने पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग का करारा जवाब दिया. भारतीय सेना ने तुरंत ही मोर्चा संभालते हुए 51 एमएम मोर्टार और एमएमजी से पाकिस्तानी पोस्ट नुरुद्दीन पर जवाबी हमला किया. सीमा की बाहरी चौकी से जुड़े अन्य इलाकों से भी गोलीबारी की आवाजें आ रही हैं.
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पाकिस्तान ने 2003 के समझौते का ‘अक्षरशः’ पालन करने पर सहमत होने के बावजूद जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. आज सीमापर से हुई गोलीबारी में दो जवानों की मौत हो गई.’
29 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्षविराम समझौते को अक्षरश : लागू करने पर सहमति जताई थी. विशेष हॉट लाइन पर हुई बातचीत में दोनों कमांडरों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की थी. हॉटलाइन पर बातचीत करने की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी.
बातचीत भारत के डीजीएमओ ले. जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच हुई थी. इसके बाद दोनों सेनाओं ने एक जैसा बयान जारी करके कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल पुराने संघर्षविराम समझौते को लागू करने पर सहमत हैं.
मई माह के मध्य में लगातार नौ दिन पाकिस्तानी पक्ष की ओर से भारी गोलाबारी के चलते सीमा के समीप रहने वाले निवासियों को अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की शरण लेनी पड़ी थी. नई दिल्ली में रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस साल 29 मई तक संघर्षविराम उल्लंघन की कुल 908 घटनाएं हुईं जबकि पिछले साल 860 घटनाएं हुई थीं.