अशाेक यादव, लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के सिंघू, टीकरी एवं गाजीपुर के किसान प्रदर्शन स्थलों पर हजारों महिला किसानों ने मार्च निकाला और भाषण दिए । कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को देखते हुये आयोजकों ने महिला किसानों को मंच का प्रबंधन करने, भोजन और सुरक्षा की व्यवस्था करने तथा इस अवसर पर उनके संघर्ष की कहानियों को साझा करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है।
किसान नेता कविता कुरूगांती ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि मंच का प्रबंधन महिलाओं ने किया, सभी वक्ता महिलायें थीं और जिन मसलों पर चर्चा की गयी उनमें विशेष रूप से खेती और महिला किसानों का मुद्दा शामिल था । संयुक्त किसान मोर्चा की सदस्य कविता ने कहा, ”इस दौरान महिला किसानों और इस आंदोलन में महिला किसानों के योगदान पर भी चर्चा हुयी ।” उन्होंने कहा कि यहां हजारों महिलाओं के आने और इसमें उनके हिस्सा लेने के बाद इसका महत्व बढ़ गया है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले 100 दिनों से दिल्ली सीमा पर जमे हुये हैं और उनकी मांग इन कानूनों को वापस लेने तथा उनके फसल के लिये न्यूनतम समर्थनम मूल्य की गारंटी देने की है । इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।