श्रीनगर: घाटी में सीमा पार से टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसता ही जा रहा है. रविवार को एनआईए ने हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर छापेमारी की और घंटों पूछताछ की. छापेमारी के दौरान एनआईए को 4 मोबाइल फ़ोन, एक टैबलेट, कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दूसरे कागजात मिले हैं. पेशे से वकील देविंदर सिंह बहल को हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी का करीबी बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि देविंदर सिंह बहल टेरर फंडिंग के पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के बीच लिंक का काम करता है. इस बीच एनआईए ने गीलानी के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए तलब किया है, जिसके बाद बड़े बेटे को सीने में दर्द की शिकायत हुई और वह अस्पताल में भर्ती हो गया.
कैलेंडर है वजह
खबरों के मुताबिक- गिलानी पर एनआईए की कार्रवाई तेज होने की एक वजह एक कैलेंडर का मिलना भी बताया जा रहा है, जिसमें अलगाववादियों के जम्मू-कश्मीर में अशांति फ़ैलाने का प्लान दर्ज है. बताया जा रहा है कि इस कैलेंडर के ऊपर गिलानी के हस्ताक्षर हैं और इसकी बरामदगी उनके दामाद के पास से हुई है. गिलानी के दामाद फिलहाल एनआईए के गिरफ़्त में हैं.
- 4 अगस्त 2016: सेना, सुरक्षाबलों के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन
- 6 अगस्त 2016: अलग-अलह जगहों पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन
- 8 अगस्त 2016: श्रीनगर की ओर जानेवाली सभी सड़कें बंद हों
- लोगों को दफ़्तर जाने से रोकने का दबाव
- 9 अगस्त 2016: महिलाओं से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील
- 10 अगस्त 2016: सुरक्षाबलों को चिट्ठी देकर घाटी से वापस जाने को कहें
- 11 अगस्त 2016: नेताओं, सरपंचों से इस्तीफ़ा देने को कहा जाए
- 12 अगस्त 2016: इमाम आज़ादी के लिए मस्जिद में जागरुकता फैलाएं
- 13 अगस्त 2016: काले झंडे के साथ प्रदर्शन में शामिल हों
- 14 अगस्त 2016: पाक की आज़ादी का जश्न हो, नमाज़ अता की जाए
- 15 अगस्त 2016: घाटी में काला दिवस मनाया जाए, हर जगह काले झंडे हों
- 16 अगस्त 2016: महिलाएं प्रदर्शन में शामिल हों
बहल हैं घनिष्ठ सहयोगी
एनआईए ने दावा किया कि बहल गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है. वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था. एजेंसी ने कहा कि वह बहल की एक संदेशवाहक के रूप में भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि उस पर संदेह है कि वह पाकिस्तान स्थित आकाओं से धन लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाने में संलिप्त रहा है.
इससे पहले आठ नेताओं को गिरफ्तार किया था
इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था. इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं. इन आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रखा है. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.