
नई दिल्ली। राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा और अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थनग के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगाामा जारी रहा और नारेबाजी के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कुछ पूरक सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि हंगामे के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।
इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा और उपसभापति ने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के कारण उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सदन ने अपने पूर्व सदस्य वसीम अहमद, मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति तथा संस्थापक डॉक्टर केनेथ कोंडा को श्रद्धांजलि दी। आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल के तहत भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारा और उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा।.
सुशील कुमार मोदी ने अपनी बात कहने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया। इसके बाद भी सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने अप्रसन्नता जतायी और कहा कि सदस्यों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस हंगामे से अन्य चीजों के अलावा देशहित को भी नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने रवैये पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनी और उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में मंगलवार को उपसभापति हरिवंश ने विभिन्न मुद्दों पर आसन के समक्ष आकर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को इस बात के लिए कड़े शब्दों में आगाह किया कि वे मास्क नहीं लगाये थे। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सवाल किया कि वे कोविड-19 अनुशासन का पालन नहीं करके देश को क्या संदेश देना चाहते हैं? उच्च सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करने लगे। हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर वापस जाने और प्रश्नकाल चलने देने को कहा।
हरिवंश ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ”कृपया कोविड के अनुशासन का पालन करिए। आप यहां मास्क खोलकर शोर कर करे हैं?” उन्होंने कहा, ”आप कोविड अनुशासन का पालन नहीं कर रहे हैं। आप देश को कैसा संदेश देना चाहते हैं? आप कम से कम राज्यसभा के अनुशासन का तो पालन करिए। प्रश्नकाल को चलने दीजिए।”
उपसभापति की इस बात का हंगामा और नारेबाजी कर रहे सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं हुआ। हंगामे के कारण उन्होंने बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में मानसून सत्र के शुरू से ही पेगासस जासूसी सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के चलते गतिरोध बना हुआ है। उच्च सदन में पिछला मंगलवार अपवाद स्वरूप रहा जब सभी दलों के नेताओं की सहमति से कोविड की स्थिति को लेकर चार घंटे तक चर्चा चली।
पेगासस जासूसी कांड, किसानों की समस्याओं, महंगाई आदि मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में आज प्रश्नकाल नहीं चल पाया और सदन की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच ही विभिन्न मंत्रालयों और संसदीय समितियों के कामकाज से जुड़े जरूरी दस्तावेज सदन पटल पर रखवाये और हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी दलों के सदस्य लगातार सदन की कार्यवाही में रुकावट पैदा करने की कोशिश करते रहे। हंगामा कर रहे सदस्यों पर पीठासीन अधिकारी की अपील का कोई असर नहीं हुआ लिहाजा शोर शराबा बढ़ता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।