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शिक्षित युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भाजपा सरकार की वैचारिक चरित्र हैं- तरूण भनोत

  • शासकीय अस्पतालों से कर्मचारियों को सेवाओं से पृथक करने के निर्णय पर पूर्व वित्तमंत्री ने की सरकार की आलोचना 

सरिता शाह, जबलपुर। पिछले 17 वर्षो से भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सत्ता पर काबिज कर प्रदेश की भोली-भाली जनता को मूर्ख बनाकर वोट लेना और चुनाव जीतने के बाद जनता के साथ किये सभी वायदों को भूल जाना भाजपा का वैचारिक चरित्र है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश की बदहाली की शिकार शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य पदों पर प्रदेश के युवाओं की नियुक्ति प्रदान की गई थी, किंतु अब जब वैश्विक रूप से कोरोना महामारी का प्रकोप कम हो रहा है, ऐसी स्थिति में इस दौरान नियुक्ति प्रदान किये गये कोरोना योद्धाओं को प्रदेश में व्याप्त वित्तीय संकट का हवाला देकर अब सरकार ने उन कोरोना योद्धाओं को सेवा से पृथक करने का निर्णय लिया है, जो घोर निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। उक्ताश्य का आरोप प्रदेश सरकार में पूर्व वित्तमंत्री एवं पश्चिम क्षेत्र से विधायक  तरूण भनोत ने लगाया है।
 भनोत ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार की गलत नीतियों और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण लगातार प्रदेश पर अनियोजित कर्ज का दबाव बढ़ता जा रहा है। पिछले 16-17 वर्षो के भाजपा शासनकाल में प्रदेश पर अब तक लगभग 4 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है, जिसका बेहद नकारात्मक प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है। सरकार इतने बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर भी इतने सालों में कोई नया संसाधन खड़ा नही कर सकी, जिसके कारण मध्यप्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्यायें अपने चरम पर है।

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 भनोत ने बताया कि प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान अचानक शासकीय अस्पतालों पर बढे दबाव के मद्देनजर प्रदेश भर के चिकित्सकों, नर्सो, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य पदों पर युवाओं को नियुक्ति प्रदान की गई थी, जिनकों सरकार द्वारा कोरोना योद्धा का नाम दिया गया था। इन मेडिकल स्टाफों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर बिना अपने परिवारजनों की चिंता किये, कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार और उनकी सेवायें की, लेकिन जैसे ही कोरोना महामारी के प्रकोप में कमी आई वैसे ही सरकार न उन सैकड़ों-हजारों कोरोना योद्धाओं के योगदान को भूलकर अब उन्हें सेवा से पृथक करने का निर्णय लिया गया है।
 भनोत ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा और मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश पिछले 45 साल के सर्वाधिक बेरोजगारी के दौर से गुजर रहा है। देश में भीषण मंहगाई और बेरोजगारी के कारण देश के युवाओं, मज़दूरों, वंचितों का भविष्य घोर अनिश्चितता के दौर में है, ऐसे वक्त पर शासकीय अस्पतालों और अन्य संस्थाओं से लगातार युवाओं को सेवा से पृथक करना प्रदेश और देश के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान सरकार से अपील करते हुये  भनोत ने कहा कि सरकार यदि नये रोजगार नहीं दे पा रही तो प्रदेश के संस्थाओं में अपनी सेवायें दे रहे कर्मचारियों को कम से कम नौकरी से पृथक न किया जाये।

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