अशाेेेक यादव, लखनऊ। लॉकडाउन के बीच ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पर कई लोगों में अपने नवजात बच्चे का नाम कोरोना वायरस की महामारी पर रखा हो। एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है बाराबंकी से, जहां पर एक महिला को अचानक ट्रेन में प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
ट्रेन रोककर महिला को स्वास्थय केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां पर महिला ने अस्पताल के गेट पर ही एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम कोविड रखा गया।
ये महिला श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गुजरात के सूरत से गाजीपुर जा रही थी। तभी अचानक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। फिर बाराबंकी के बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया।
महिला को रामनगर सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में भर्ती करवाया गया। जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसके पिता ने उसका नाम कोविड रख दिया।
बाराबंकी के बुढ़वल जंक्शन पर श्रमिक ट्रेन से एक दंपति परिवार सूरत से चलकर गाजीपुर जा रहा था। इसी दौरान पत्नी शारदा को लेबर पेन शुरू हो गया। जब ट्रेन बुढवल स्टेशन पर रुकी तो दंपति ने ट्रेन से उतरने फैसला किया। दंपति बुढवल स्टेशन पर उतर गए।
जीआरपी के कांस्टेबल प्रदीप कुमार और आरपीएफ के इंस्पेक्टर आरपी सिंह के जरिए महिला को रेलवे ओवर ब्रिज पार करवाया गया और फिर एंबुलेंस को बुलाकर सीएचसी रामनगर अस्पताल पहुंचाया गया।
जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। महिला के पति ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते उन्होंने अपने बच्चे का नाम कोविड रखा है। वहीं महिला को हॉस्पिटल में कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा।
जब उसे पेन हो रहा था तो उस वक्त हॉस्पिटल का कोई भी स्टाफ उसे हाथ लगाने को तैयार नहीं हो रहा था। जिसके बाद महिला का बच्चा अस्पताल के गेट पर ही हो गया।
महिला को दर्द की दवा या इंजेक्शन लगाने के लिए भी कहा गया, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया। महिला के पति ने बताया कि अस्पताल में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वहां ना तो लाइट थी और ना ही खाने को कुछ मिला। सारी रात परेशानियों में ही गुजारनी पड़ी। जिस वजह से महिला और बच्चे को प्राइवेट एंबुलेंस बुलाकर गाजीपुर लेकर निकलना पड़ा।