अशोक यादव, लखनऊ: कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए सम्पूर्ण भारत में 21 दिनों के घोषित लॉकडाउन ने जानलेवा प्रदूषण को काफी हद तक कम कर दिया है। रविवार को देशभर के शहरों की हवा सांस लेने लायक रही।
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब देश के तमाम शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से कम रहा हो। लॉकडाउन के चलते सड़कों पर न के बराबर वाहन उतर रहे हैं।
होटलों-रेस्टोरेंटों में खान-पान, निर्माण कार्यों जैसी तमाम गतिविधियों पर भी पाबंदी लगी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते बूंदाबांदी का क्रम भी जारी है। इन वजहों से प्रदूषण में कमी आ गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, रविवार को भारत के किसी भी शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक से ऊपर नहीं रहा।
शून्य से पचास तक के सूचकांक को अच्छा, 51 से 100 तक के सूचकांक को संतोषजनक और 101 से 200 तक के सूचकांक को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।
201 से 300 तक सूचकांक को खराब, 301 से 400 तक के सूचकांक को बेहद खराब और 401 से 500 तक के सूचकांक को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।
रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 62, गाजियाबाद का 48 , आगरा का 52, अहमदाबाद का 74, अंबाला का 39, बेंगलुरु का 63, चंडीगढ़ का 36, चेन्नई का 46, कानपुर का 48, लखनऊ का 58, पटना का सूचकांक 69 अंक पर रहा।
गुवाहाटी का सूचकांक सबसे ज्यादा 174 अंक पर और मुजफ्फरपुर का सूचकांक 153 अंक पर रहा।