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लखीमपुर कांड में SIT ने दायर की 5000 पन्नों की चार्जशीट, मुख्य आरोपी आशीष मिश्र

अशाेक यादव, लखनऊ। तिकुनियां हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हिंसा की जांच करने वाली एसआईटी ने आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बताया है। उसने सोमवार को आशीष समेत 14 लोगों के खिलाफ पांच हजार पन्नों की चाजर्शीट सीजेएम चिंताराम की अदालत में दाखिल की। चाजर्शीट दाखिल होने के बाद एक बार फिर तिकुनियां कांड सुखिर्यों में आ गया है। चाजर्शीट में केंद्रीय मंत्री का साला वीरेंद्र शुक्ला भी आरोपी बनाए गए हैं। हालांकि एसआईटी ने उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया है।

तिकुनियां में तीन अक्तूबूर को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे की महिंद्रा थार गाड़ी से कुचलकर प्रदशर्न कर रहे चार किसानों व एक पत्रकार की मौत हो गई थी। कई किसान घायल हो गए थे। इस दौरान भड़की हिंसा में कुछ प्रदशर्नकारियों ने तीन भाजपा कायर्कतार्ओं की पीटकर हत्या कर दी थी। इस प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही थी। एसआईटी पहली गिरफ्तारी के 89 वें दिन यानी सोमवार की सुबह मंत्री पुत्र समेत सभी 14 आरोपियों के खिलाफ चाजर्शीट लोहे के बक्से में लेकर कोटर् पहुंची और उसे दाखिल किया। चाजर्शीट पांच हजार पन्नों की है, जिसमें 208 गवाहों और 14 आरोपियों के नाम हैं, जिसमें एक नाम ब्वॉक प्रमुख पलिया वीरेंद्र शुक्ला का बढ़ाया है। वीरेंद्र शुक्ला केंद्रीय मंत्री का साला है। एसआईटी ने आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया है।

उन पर पुलिस को झूठी सूचना देने का आरोप लगा है। घटना के दिन उपमुख्यमंत्री की अगवानी करने जा रहे काफिले में वीरेंद्र शुक्ल की स्कॉपिर्यो गाड़ी थी, जिसे संपूणार्नगर से पुलिस ने बरामद की थी। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि वीरेंद्र शुक्ला पर धारा 201 के तहत चाजर्शीट आई है। मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है, लेकिन अभी उन्हें कॉपी नहीं मिली है। इस मामले में मंत्री पुत्र आशीष मिश्र, लखनऊ का कारोबारी अंकित दास, नन्दन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडेय, धमेंर्द्र बंजारा, रिंकू राना, लवकुश राना, उल्लास त्रिवेदी, शिवपाल समेत 13 आरोपी आरोपी जेल में बन्द हैं।

तिकुनियां हिंसा तीन अक्तूबर को हुई थी। उसी दिन मृतक किसानों के परिवार की तरफ से मुख्य आरोपी आशीष मिश्र व उनके अन्य अज्ञात साथियों के खिलाफ रिपोटर् दजर् हुई थी। एसआईटी ने सात अक्तूबर को आशीष पाण्डेय और लवकुश राना को गिरफ्तार कर पहली गिरफ्तारी की थी। दस अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी हुई थी। इस प्रकरण में अब तक 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। सभी आरोपी तीन जनवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में थे। कानून के जानकारों का कहना है कि हत्या जैसे गम्भीर मामलों में आरोपियों के जेल में बंद होने पर 90 दिन के अंदर विवेचना पूरी कर आरोपपत्र अदालत में दाखिल करने की बाध्यता होती है। आशीष पांडेय और लवकुश राना के न्यायिक अभिरक्षा में 90 दिन चार जनवरी को पूरे हो रहें हैं।

विवेचक विद्याराम दिवाकर ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्र उफर् मोनू, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य त्रिपाठी, लतीफ, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडेय, लवकुश, शिशुपाल, उल्लास उफर् मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना, धमेंर्द्र कुमार बंजारा पर 147, 148, 149, 307, 326, 34, 427, 120, और 3-25, 3-27 आमर््स एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। विवेचक ने बताया कि मामले में गृह राज्यमंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ धारा 201 यानि कि साक्ष्य छुपाने का आरोप प्रमाणित हुआ है। इसलिये इनका भी नाम आरोप पत्र में बढ़ाया गया है।

 
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