उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह कहते हुए स्वामी प्रसाद का बचाव किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में हत्यारोपियों पर रासुका लगाने और मृतकों के परिवार के साथ सरकार के होने की बात कहकर यह जता दिया है कि स्वामी प्रसाद का अड़ियल रवैया अब भाजपा को भी असहज करने लगा है।
विधि मंत्री बृजेश पाठक ने तो रविवार को यहां स्वामी प्रसाद पर करारा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हत्यारों को संरक्षण देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि संरक्षण देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। मारे गए युवकों को अपराधी बताकर जांच को प्रभावित करना पूरी तरह गलत है। ऐसा करने वालों पर भी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।
यह बोले थे स्वामी
इस घटना पर स्वामी ने कहा था कि जो मारे गए वे किराए के गुंडे थे। उन पर अलग-अलग थानों में आपराधिक मामलों के केस दर्ज हैं। ग्रामीणों ने उन्हें पीट-पीटकर या जलाकर मार दिया। ये गुंडे प्रतापगढ़ और फतेहपुर से आए थे।
अब तक सामने नहीं आई हिस्ट्रीशीट
अभी तक मारे गए युवकों के बारे में स्वामी का बयान तथ्यों पर साबित होता नहीं दिख रहा है। अभी तक कहीं से मारे गए युवकों की हिस्ट्रीशीट की बात प्रमाणित नहीं हो पाई है। कौशांबी और प्रतापगढ़ की पुलिस रिपोर्ट से अभी तक यही साबित होता है।
स्वामी प्रसाद बोले, मनोज पांडेय ने बुलाए थे गुंडे
श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली नरसंहार के पीछे समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय का हाथ होना बताया है। मौर्य ने रविवार को एक न्यूज चैनल को दिए बयान में कहा कि सपा विधायक मनोज पांडेय के इशारे पर ये गुंडे बुलाए गए थे। क्योंकि प्रधान राजा यादव पूर्व में सपा कार्यकर्ता था, 2017 विधानसभा चुनाव में वह भाजपा कार्यकर्ता हो गया।