ब्रेकिंग:

योगी सरकार 17 जातियों के अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र बनाने के फैसले पर अडिग

लखनऊ। योगी सरकार के 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के फैसले पर सियासी हंगामा मचा है। योगी सरकार के इस फैसले को उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोट बंटोरने के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार के इस फैसले को राज्य सरकार व कई राजनीतिक दलों ने असंवैधानिक करार कर शासना देश वापस लेने की अपील की है। इससे संबंधित एक मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। लेकिन इससे इतर योगी सरकार 17 अति पिछड़ी जातियों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनवाने के फैसले पर अडिग है। उच्च न्यायालय में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। योगी सरकार ने 24 जून को शासनादेश जारी किया था। इसमें यह बात कही गई थी कि उच्च न्यायालय द्वारा 29 मार्च, 2017 को जारी आदेश के अनुपालन में परीक्षणोपरांत सुसंगत अभिलेखों के आधार पर इन 17 जातियों के जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। मामला कोर्ट में है।

लिहाजा जाति प्रमाण पत्र न्यायालय के आदेश के अधीन होंगे, इस बात की बाध्यता इसमें थी। मंगलवार को इसी शासनादेश पर बसपा सांसद सतीशचंद्र मिश्र ने संसद में सवाल उठाया। वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री थावरचंद गहलोत ने शासनादेश वापस लेने का निर्देश दिया। लेकिन प्रमाणपत्र बनने न बनने की असंमजस स्थिति बरकरार रही। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि शासनादेश न्यायालय के आदेश के अधीन जारी किया गया है। इसलिए इस आधार पर जाति प्रमाणपत्र बनेंगे। कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने प्रदेश सरकार के 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने अनुसूचित जातियों के आरक्षण कोटा को 21 से बढ़ाकर 40 फीसद करने की मांग की।

अगर प्रदेश सरकार ऐसा नहीं करती है, तो कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग, भीम आर्मी व तमाम गैर सरकारी संगठन मिलकर पूरे प्रदेश में सरकार के इस निर्णस के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।कांग्रेस की ही तरह संघर्ष समिति ने भी इन 17 जातियों का आरक्षण बढ़ाने की मांग की। उनका तर्क है कि 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने से दलित समाज का हक मारा जाएगा। इसलिए अनुसूचित जाति के आरक्षण का कोटा 35 फीसदी तक कर दिया जाना चाहिए। 17 जातियों को अनूसुचित जाति में शामिल करने के फैसले को सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने गुमराह करना बताया है। उनका कहना है कि इन जातियों को जातिप्रमाण पत्र देकर सरकार इन्हें मूर्ख बना रही है। सरकार यह स्पष्ट करे कि इन जातियों को एससी कोटे या पिछड़ी जाति में नौकरी मिलेगी, ताकि भर्तियों में भ्रम न रहे।

Loading...

Check Also

शिक्षामित्र स्थानांतरण समायोजन आदेश जारी, शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री एवं बेसिक शिक्षा मंत्री का जताया आभार

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों के लिए राहतभरी खबर …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com