
मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ। आगरा से हाईजैक की गई कल्पना ट्रैवल्स की बस को लेकर तमाम कहानियां निकल कर सामने आ रही हैं। हाईजैक की गई बस उत्तर प्रदेश के इटावा के बलरई थाना क्षेत्र के लखेरा कुआं के पास एक ढाबे पर खड़ी मिली। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि मामला लेनदेन से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत ऐसी हो गई है कि कोई भी कानून हाथ में ले ले रहा है। पुलिस ने बस में सफर कर रहे यात्रियों से बातचीत कर गाड़ी को इटावा में एक ढाबे से बरामद कर लिया। इस मामले में आगरा के साथ-साथ झांसी पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार इस बस का रजिस्ट्रेशन इटावा के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में दीपा अरोड़ा के नाम से दर्ज है। यह 22 मार्च 2012 को रजिस्टर्ड कराई गई थी। दीपा अरोड़ा ने इटावा का अस्थायी पता बाह बस स्टैंड इटावा दर्ज कराया है। स्थायी पता हाउस नंबर 18 जंक सोसाइटी विनय नगर सेक्टर-2 ग्वालियर है। बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम यह बस हरियाणा के गुरुग्राम से 34 यात्रियों को लेकर मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के लिए निकली। बस को आगरा के पास बायपास पर जाइलो का सवार बदमाशों ने हाइजेक कर लिया। बस को ग्वालियर के डबरा निवासी रमेश कुमार चला रहा था। बस के हाईजैक होने की खबर से शासन से लगायत स्थानीय प्रशासन तक के होश उड़ गये। मलपुरा थाना क्षेत्र में चालक क्लीनर को छोड़कर यात्रियों सहित बस लेकर बदमाश निकल गए थे। बुधवार सुबह चार बजे चालक के मलपुरा थाने पहुंचने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। सुबह-सुबह बस हाइजैक जैसी बड़ी वारदात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस परेशान हो गई। एसएसपी बब्लू कुमार ने क्राइम ब्रांच समेत आठ थानों की टीम लगाकर जांच शुरू कर दी। आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने आसपास के सभी जिलों में अलर्ट जारी करा दिया। एसएसपी बबलू कुमार स्वयं रायभा टोल प्लाजा पर पहुंच गए। आईजी ए सतीश गणेश ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकारियों से संपर्क साधा। तमाम खोजबीन के बाद बस इटावा में मिली। शुरुआती जांच में पुलिस ने जब बस मालिक से बात करने की कोशिश की तो पता चला कि यह गाड़ी अशोक अरोड़ा की है। यह गाड़ी उनकी बेटी कल्पना के नाम से रजिस्टर्ड है। अशोक अरोड़ा के बेटे ने बताया कि पिता की मंगलवार को मृत्यु हो चुकी है। उनका फाइनेंस और एक व्यक्ति से लेनदेन का विवाद है। पुलिस ने जांच की तो शुरुआत में मामला फाइनेंस का लगा। यात्रियों से बातचीत में बस झांसी के लिए जाने की जानकारी हुई। आई जी ए सतीश गणेश ने बताया कि सीसीटीवी देखने पर एक्सयूवी कार में सवार एक व्यक्ति का चेहरा नजर आ गया। कार के नंबर की जांच की गई तो प्रदीप गुप्ता का नाम प्रकाश में आया। बस को इटावा के अंतर्गत बलरई थाना क्षेत्र में एक ढाबे के बाहर से बरामद कर लिया गया है। एसएसपी बब्लू कुमार ने बताया कि बस आगरा में ओवरटेक की गई, इसके बाद यात्रियों का किराया वापस करवाकर उन्हें दूसरी बस में शिफ्ट किया गया। झांसी से यात्रियों को एकबार फिर दूसरी बस में शिफ्ट किया गया। फिर ग्वालियर से झांसी के बीच उन्हें दूसरी बस में शिफ्ट करवाकर छतरपुर भेजा गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। उनके साथ किसी तरह की लूट या मारपीट जैसी घटना नहीं हुई है। बस का हाईजैक करने का आरोपी प्रदीप गुप्ता शातिर है। यह पहले भी जेल जा चुका है। प्रदीप को परिवहन विभाग के फर्जी प्रपत्र तैयार करने में दो आरटीओ के साथ प्रदीप गुप्ता उर्फ गुड्डा को जेल भेजा गया था। प्रदीप डेढ़ दर्जन बसों का खुद मालिक है। उसे फर्जी कागजात से बस का परमिट दिलाने का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। उसने फिरोजाबाद और इटावा में काफी संपत्ति बना रखी है। प्रदीप अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।