अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ। राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा गरीबों एवं आम आदमी के लिये शुरू की गली ” मुफ्त राशन वितरण योजना ” को बन्द करना जनता के साथ भारतीय जनता पार्टी का एक और छलावा तथा बड़ा धोखा एवं विश्वासघात है । तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश सरकार की तरफ से राशन के कार्ड धारकों को दिये जाने वाले राशन / खाद्यान्न के लिये अब भुगतान करने का फैसला भारतीय जनतापार्टी की ” मुफ्त राशन योजना ” का लालीपॉप आखिर ” चुनावी स्टंट ” ही साबित हुआ प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये ताजा निर्णय से अब प्रदेश के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लाभार्थियों को गेहूं 2.0 रुपये प्रति किलो और चावल 3.0 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान करना पड़ेगा । तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनतापार्टी को यह मालूम है कि उत्तर प्रदेश में अभी विधान सभा का चुनाव साढ़े चार वर्ष बाद ही होगा , और लोक सभा का चुनाव भी अभी सालों दूर है , ऐसे स्थिति में चुनावी लाभ के लिये भा.ज.पा. सरकार को गरीबों को अभी मुफ्त राशन वितरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है । उन्होने कहा कि चुनाव के समय भारतीय जनतापार्टी बार- बार कह रही थी कि प्रदेश की जनता को अनवरत मुफ्त राशन योजना से लाभान्वित किया जाता रहेगा , जबकि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल बार बार सरकार की नीयति को खोटा बताते हुये इसे चुनावी लालीपॉप ठहरा रहे थे । तिवारी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने पहले ही केरोसिन तेल ( मिट्टी का तेल ) जनता से दूर कर रखा है और यह गंभीर जांच का विषय भी है कि केरोसिन तेल न मिलने से जहाँ गाँव में गरीब की झोपड़ी में अंधेरा है वहीं इस केरोसिन तेल ( मिट्टी का तेल ) की आपूर्ति चुपके से पूँजीपतियों की रिफाइनरी में की जा रही है । आश्चर्य की बात है कि सरकारी खाद्यान्न की दुकानों पर गरीब आदमी के अँगूठा लगते ही केरोसिन तेल आखिर कैसे खारिज हो जा रहा है ? तिवारी ने केरोसिन तेल का सरकार द्वारा तैयार की गयी कृत्रिम संकट और इसके पीछे परोक्ष घोटाले की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने की भी कड़ी मांग की है । तिवारी ने प्रदेश में योगी सरकार द्वारा गरीब परिवारों की बेटी की शादी के लिये सरकारी पारिवारिक आर्थिक अनुदान को बन्द किये जाने की भी आलोचना की है । उन्होने कहा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति एवं गरीब पिछड़े वर्ग तथा मध्यम वर्गीय गरीब सामान्य परिवारों की पुत्रियों की शादी के लिये शादी अनुदान की कल्याणकारी योजना शुरू की थी । प्रदेश सरकार ने शादी की इस आर्थिक अनुदान योजना को बन्द करके , जिसके तहत शादी अनुदान की धनराशि सीधे गरीब बेटी के माता पिता के खाते में जाया करती थी और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी कायम रहती थी ऐसे में इस आर्थिक अनुदान योजना को बन्द करके योगी सरकार ने गरीब के घर की पुत्रियों की खुशियाँ भी छीन ली है । तिवारी ने कहा है कि सामूहिक विवाह योजना की सरकारी नीति की तरह सीधे गरीब की पुत्री के खाते में धनराशि जाने से भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं थी जबकि सामूहिक विवाह योजना अधिकारियों की लूट खसोट का एक और माध्यम बन गया है । तिवारी ने प्रदेश में बिजली संकट पर भी प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुये कहा है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों मैं विद्युत आपूर्ति लगभग न के बराबर हो रही है , विद्युत आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में न होने से किसानों की खरीफ की खड़ी फसल आवर्षण की स्थिति एवं सिंचाई के अभाव में कमजोर पड़ रही है जिसका प्रतिकूल प्रभाव उत्पादन पर पड़ेगा , वहीं मौजूदा बिजली संकट के कारण मध्य शैक्षणिक सत्र में छात्रों के पठन पाठन , खासकर तकनीकी शिक्षा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । – उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्षा का प्रतिशत लगभग अब तक सबसे न्यून है , फिर भी बार बार मोंग के बावजूद भी जहाँ पर सरप्लस बिजली है , वहाँ से प्रदेश सरकार न तो बिजली की खरीद कर रही है और न ही विद्युत वितरण प्रबन्धन के तहत गाँवों में लो वोल्टेज , जर्जर तारों , ट्रांसफार्मरों के प्रायः जल जाने के कारण हो रही विद्युत आपूर्ति में आ रही भारी बाधा से जनता को निजात दिलाने के लिये कोई ठोस प्रयास ही कर रही है । तिवारी ने कहा है कि प्रदेश में बिजली संकट को दूर करने के लिये सरकार अपनी नीति और नीयंति में पारदर्शिता लाये तथा प्रत्येक स्थिति में अपनी चुनावी घोषणाओं के अनुरूप ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराये । तिवारी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति अभूतपूर्व बिजली संकट , मुफ्त राशन योजना बन्द किये जाने जैसे प्रमुख मुद्दों को अत्यंत गंभीर ठहराते हुये प्रदेश की भा.ज.पा. सरकार से जवाबे देही की भी मांग की है।
मुफ्त राशन वितरण योजना बन्द करना गरीबों के साथ भाजपा का बड़ा विश्वासघात: प्रमोद तिवारी
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