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मुख्यमंत्री की विद्यार्थियों से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की अपील

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कोटा से लाए गए विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षित और जागरूक होने के कारण वह सभी विद्यार्थी कोरोना वायरस कोविड-19 की वैश्विक महामारी की संवेदनशीलता से अच्छी तरह से परिचित हैं। इस महामारी से बचाव के लिए जब तक कोई वैक्सीन अथवा उपचार हेतु कोई दवा नहीं तैयार कर ली जाती, तब तक इस पर नियंत्रण के लिए दो उपाय, लाॅक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि घर वापस आने के पश्चात वह सभी 14 दिन होम क्वारंटीन में रहने के साथ ही लाॅक डाउन के नियमों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

किसी परेशानी की स्थिति में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1076, टोल-फ्री नं0-1070 अथवा स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क स्थापित करें। 

      मुख्यमंत्री आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान राज्य के कोटा से वापस लाये गये विद्यार्थियों के साथ संवाद कर रहे थे।

यह विद्यार्थी कोटा में रहकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे थे।

25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लाॅक डाउन लागू होने से यह विद्यार्थी कोटा में फंस गए थे।

इन विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा वहां से निकाल कर विभिन्न जनपदों में उनके घर पहुंचाया गया है।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री  ने जनपद वाराणसी की  निधि, जनपद गोरखपुर की  दीक्षा वर्मा,  अमन यादव, जनपद मुरादाबाद की  मानसी सिंह, जनपद गाजीपुर की  शालिनी, जनपद लखनऊ के  अभिनव दुबे,  अमन सिंह आदि कुछ विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।       

शेल्टर होम्स और क्वारंटीन होम्स होंगे जियो टैग

मुख्यमंत्री  ने विद्यार्थियों से ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल एप डाउनलोड करने का आह्वान करते हुए कहा कि कोविड-19 से बचाव में यह एप बहुत उपयोगी है।

इस एप के क्रियाशील रहने पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के करीब आने पर एप द्वारा अलर्ट दिया जाता है।

उन्होंने विद्यार्थियों से कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करने की अपील करते हुए कहा कि वह सभी सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य लोगों को भी लाॅक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करें।

      सभी विद्यार्थी घर पर रहकर ही अपनी परीक्षाओं की तैयारी करें व शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

राज्य सरकार का यह प्रयास भी है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेण्टर स्थापित किया जा सके।

जिससे राज्य के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अन्य स्थानों पर जाने की आवश्यकता न हो।      

मुख्यमंत्री  ने कहा कि वर्तमान में 200 से अधिक देश कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित हैं।

यह महामारी किसी का चेहरा, धर्म, जाति आदि नहीं देखती।

सावधानी हटते ही व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आ जाता है।

व्यक्ति, देश, समाज, जिसने भी लापरवाही बरती है, वह कोविड-19 के संक्रमण से गम्भीर रूप से प्रभावित हुए हैं।

अमेरिका, स्पेन, इटली, फ्रांस आदि में संक्रमण की स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक सामथ्र्यवान देश भी इस महामारी के सामने विवश महसूस कर रहे हैं।  

   देश की जनता के उत्तम स्वास्थ्य और बेहतर भविष्य के लिए प्रधानमंत्री  ने समय से कदम उठाए हैं।

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मार्च के पहले हफ्ते में बीमारी के सम्बन्ध में अलर्ट जारी कर दिया गया था।

होली से सम्बन्धित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए।

22 मार्च को जनता कफ्र्यू और उसके पश्चात 25 मार्च से लाॅक डाउन लागू किया गया है।

इससे देश में कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

समय से कदम उठाने के कारण भारत उस स्थिति से बचा है, जिससे कई अन्य देश प्रभावित हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रति पूरे देश को मिलकर संघर्ष करना है।

प्रत्येक नागरिक को प्रत्येक संकीर्णता से ऊपर उठकर पूरा योगदान करना चाहिए।    

 मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड-19 के बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा भी समय से कदम उठाए गए।

मार्च के पहले सप्ताह में ही अलर्ट जारी किया गया।

साथ ही, व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने स्वयं होली पर्व के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को स्थगित किया तथा जनता से भी इस सम्बन्ध में अपील की।

परिणामस्वरूप प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले संक्रमण कम है।

प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे छात्र-छात्राओं का होगा स्वास्थ्य परीक्षण

उन्होंने कहा कि जनता कफ्र्यू के पश्चात 23 मार्च से ही विभिन्न जनपदों में लाॅक डाउन लागू किया गया है।

इससे तात्कालिक परेशानी है, किन्तु आम जनता के उत्तम स्वास्थ्य और बेहतर भविष्य के लिए हम सभी को इस परेशानी को स्वीकार कर, शासन-प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।      

मुख्यमंत्री  ने कहा कि लाॅक डाउन के बाद ही प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया।

इन्हें घर तक पहुंचाने व संस्थागत क्वारंटीन में रखना जरूरी था।

राज्य सरकार ने इन 06 लाख से अधिक श्रमिकों को उनके जनपदों अथवा गांवों में ही क्वारंटीन/शेल्टर होम्स में रखा।

इनके लिए भोजन, पेयजल, दवा आदि आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गईं।

वर्तमान में इनमें से किसी भी श्रमिक में कोई भी संक्रमण नहीं है।

तमाम श्रमिकों ने अपना कोई न कोई कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है।      

गौरतलब है कि भारत सरकार व राजस्थान सरकार के साथ संवाद कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए गए प्रदेश के विद्यार्थियों को भी वापस लाया गया है।

हरियाणा राज्य से प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को भी वापस लाया गया है।

अन्य राज्यों में प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कार्यवाही की जा रही है।

जनपद प्रयागराज में रह रहे विद्यार्थियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके घर पहुंचाने का कार्य हो रहा है।

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