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भारत काे मिला ब्रिक्स देशों का साथ, ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर भविष्य की योजनाओं का खींचा जाएगा खाका

नई दिल्ली। भारत को ब्रिक्स देशों का साथ मिल गया है। ब्रिक्स देशों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन पहल को लेकर भविष्य की योजनाओं को खाका खींचा जाएगा जिसमें इस बात पर चर्चा होगी कि इसे अपने देशों में अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए। यह सम्मेलन 22 और 23 जून को ऑनलाइन इवेंट वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयोजित जायेगा।

देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी और वैश्विक ऊर्जा कंपनियों में एक राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) लिमिटेड कार्यक्रम का संचालन करेगी। वर्चुअल शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के जाने-माने विशेषज्ञ और नीति निर्माता ग्रीन हाइड्रोजन के भविष्य पर विचार-विमर्श और चर्चा के लिए एक प्लेटफाॅर्म पर एकत्र होंगे।

सम्मेलन के पहले दिन प्रत्येक देश के प्रतिनिधि हाइड्रोजन के उपयोग और उनकी भविष्य की योजनाओं पर अपने यहां से की गयी संबंधित पहलों को साझा करेंगे। वक्ता हाइड्रोजन पर विकसित विभिन्न तकनीकों की प्रासंगिकता और अपने देश के लिए इसकी प्राथमिकताओं को भी साझा करेंगे।

दूसरे दिन विभिन्न देशों द्वारा समग्र ऊर्जा नीति ढांचे में हाइड्रोजन को एकीकृत करने के विचारों पर पैनल चर्चा होगी। उभरती ग्रीन हाइड्रोजन टैक्नोलाॅजी के लिए वित्तपोषण विकल्पों पर विचार-विमर्श होगा और टैक्नोलाॅजी को आगे बढ़ाने के लिए ईको सिस्टम बनाने के वास्ते आवश्यक संस्थागत समर्थन जुटाने पर भी चर्चा की जाएगी। जैसे-जैसे दुनिया तेजी से पूरे एनर्जी सिस्टम को डी-कार्बोनाइज करने की ओर अग्रसर होती है, हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और दुनिया भर में अक्षय संसाधनों के तेजी से पैमाने पर निर्माण करने के लिए तैयार है।

अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है जिसमें कार्बन फुटप्रिंट नहीं होता है। इस तरह अन्य ईंधनों के मुकाबले हाइड्रोजन के हरित उपयोग के विभिन्न रास्ते खोलने का मार्ग प्रशस्त होता है। हालांकि इस दिशा में टैक्नोलाॅजी, दक्षता, वित्तीय व्यवहार्यता और स्केलिंग के मामले में अनेक चुनौतियां हैं, जिन पर शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा की जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन के असंख्य एप्लीकेशंस हैं।

अमोनिया और मेथनॉल जैसे ग्रीन केमिकल्स का उपयोग उर्वरक, गतिशीलता, बिजली, रसायन, शिपिंग आदि जैसे मौजूदा एप्लीकेशंस में सीधे किया जा सकता है। व्यापक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए सीजीडी नेटवर्क में 10 प्रतिशित तक ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण को अपनाया जा सकता है। इसके अलावा, हाइड्रोजन के माध्यम से हार्ड टू एबेट सेक्टरों (जैसे स्टील और सीमेंट) को हरा-भरा करके आगे बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाया जाना है। कई देशों ने अपने संसाधनों एवं क्षमता के आधार पर अपनी रणनीति और खाका तैयार किये हैं।

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