इसके बावजूद टीसीएस प्रबंधन लीज डीड रिन्यू करने का इच्छुक नहीं है। हालांकि विभूति खंड में अभी मार्केट रेट 50 रुपये प्रति वर्गफीट है।
शालीमार कंपनी के निदेशक खालिद मसूद ने बताया कि एक जून 2008 से लागू लीज एग्रीमेंट में किराये की दर 18 रुपये वर्गफीट की दर तय की गई थी। टीसीएस अवध पार्क कैंपस 1.26 लाख स्क्वॉयर फीट में है।
तब हर महीने 22.68 लाख रुपये किराया लिया जा रहा था। लीज डीड के अनुसार हर तीन साल में 12 प्रतिशत किराया बढ़ाना तय किया गया था।
वे नहीं जानते कि टीसीएस के कर्मचारियों को किन वजहों से चार गुना किराया बढ़ाने की बात कही जा रही है। उन्हाेंने कर्मचारियों द्वारा सीएम योगी को लिखे कथित पत्र में सामने आए इस तर्क को खारिज किया।
इस बीच प्रोजेक्ट मैनेजरों और टीम लीडरों से मुलाकात के बाद टीसीएस के उत्तर क्षेत्र प्रमुख व वाइस प्रेसीडेंट तेज पॉल भाटला ने अधिकारिक रूप से स्टाफ को सूचित कर दिया है कि टीसीएस लखनऊ को बंद किया जाएगा। इसके स्टाफ को पुणे, इंदौर व अन्य शहरों में भेजने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
सभी प्रोजेक्ट्स में काम कर रही टीमों को दिसंबर तक का समय दिया गया है। अप्रैल 2018 के पहले सभी को लखनऊ से मूव कर दिया जाएगा।
जिनमें से अधिकतर के सामने लखनऊ में सेटल अपने परिवार की वजह से नौकरी छोड़ने की स्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं। इस सबके बीच टीसीएस ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि अप्रैल से जून की तिमाही में उसे 5,945 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 6,317 करोड़ का लाभ हुआ था।
इस लिहाज से प्रॉफिट में करीब 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी का कहना है कि आने वाले समय में वह अमेरिका में नौकरियां बढ़ाएगी। साथ ही निवेश भी बढ़ाएगी।
टीसीएस की कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की एजीएम हर्षा रामचंद्रा ने मीडिया में बृहस्पतिवार को दिए बयान में कहा कि कंपनी के स्टाफ को लखनऊ छोड़ने के बारे में सूचित कर दिया गया है। किराये को लेकर पनपी वजहों से लखनऊ रीजनल ऑफिस को बंद किया जा रहा है।