लखनऊ : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी की तल्ख़ी के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पश्चिम बंगाल जा रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ पुरुलिया में एक रैली को संबोधित करेंगे. बंगाल में सीएम योगी के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग की अनुमति नहीं मिलने की सुरत में बीजेपी ने नया प्लान बनाया है. बीजेपी की नई योजना के तहत पुरुलिया में रैली को संबोधित करने के लिए सीएम योगी पहले विमान से रांची जाएंगे, वहां से हेलीकॉप्टर से बोकारो और फिर सड़क के रास्ते पुरुलिया पहुंचेंगे. पिछले रविवार को बालूरघाट में योगी के हेलीकॉप्टर को उतरने की इजाज़त नहीं मिली थी, जिसके बाद उन्होंने टेलीफ़ोन के ज़रिए रैली को संबोधित किया था. इसी वजह से योगी ने इस बार सड़क के रास्ते पश्चिम बंगाल जाने का फ़ैसला किया है. वहीं हेलीकॉप्टर उतरने की इजाज़त न मिलने की वजह से उनकी बांकुड़ा की प्रस्तावित रैली रद्द हो गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ की आज पुरुलिया में रैली करीब दोपहर तीन बजे होनी है. बंगाली की ममता सरकार ने उनके हेलिकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी है. यही वजह है कि अब उनका हेलीकॉप्टर झारखंड के बोकारो में लैंड करेगा और वह यहीं से सड़क मार्ग से पुरुलिया के लिए निकलेंगे. बता दें कि बोकारो से पुरुलिया की दूरी करीब 50 से 55 किलोमीटर है. पश्चिम बंगाल भाजपा ने बांकुरा में मंगलवार को निर्धारित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा सोमवार को यह दावा करते हुए रद्द कर दी कि जिला प्रशासन उनके हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए अनुमति देने में टाल-मटोल कर रहा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘हमने आज की योगी आदित्यनाथ की बांकुरा रैली रद्द करने का निर्णय लिया है .
क्योंकि जिला प्रशासन उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति देने में टाल-मटोल कर रहा है। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, इसलिए हमने रद्द कर दिया है.’ घोष ने कहा कि लेकिन मंगलवार की आदित्यनाथ की पुरुलिया रैली फिलहाल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच रविवार को संघर्ष तब और तेज हो गया जब पश्चिम बंगाल सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को उतरने और उत्तरी बंगाल में दो जनसभाएं करने की अनुमति नहीं दी. आदित्यनाथ को टेलीफोन के माध्यम से रायगंज और बालुरघाटी की रैलियों को संबोधित करना पड़ा था. उन्होंने राज्य की तृणमूल सरकार को जनविरोधी करार दिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिन गिनती के रह गये हैं.